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Janmashtami 2024: प्रेमानंद महाराज कैसे और कहां मनाते हैं जन्माष्टमी? जानें कैसे मिलता पूजा का पूरा फल

Krishna Janmashtami 2024: राधारानी और भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक पूजा का पूर्ण फल केवल व्रत से नहीं मिलता है.

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Krishna Janmashtami 2024
Krishna Janmashtami 2024
Padma Shree Shubham|Updated: Aug 26, 2024, 04:59 PM IST
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Krishna Janmashtami 2024: राधारानी और भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि केवल व्रत रखने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है. प्रेमानंद जी कई और नियमों के बारे में बताते हैं. आइए जानें कि प्रेमानंद जी महाराज कहां पर  जन्माष्टमी मनाते हैं और जन्माष्टमी के नियमों के बारे में क्या कुछ बताते हैं. 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल 26 अगस्त को यानी आज जन्माष्टमी मनाया जाने वाला है. जन्माष्टमी पर भक्त पूरा दिन व्रत रखते हैं व आधी रात को लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं. माना जाता है कि जन्माष्टमी का व्रत रखने व पूजा करने से भक्त को भगवान कृष्ण की असीम कृपा की प्राप्ति होती है. हालांकि, जन्माष्टमी के दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, नहीं तो पूजा का फल नहीं मिल पाएगा. राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद जी महाराज कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत से संबंधित नियमों के बारे में क्या बताते हैं आइए जानते हैं. 

श्री कृष्ण के जन्म अवतार से जुड़ी कथाएं
प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि जन्माष्टमी का त्योहार हर व्यक्ति को मनाना चाहिए. व्रत रखते हों या नहीं, इस दिन सच्चे मन से भक्तों को भगवान कृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए. पूजा के बाद कृष्ण का श्रृंगार करें और उन्हें फूलों से सजाएं, आभूषणों से सजाएं. पूरे दिन भगवान का नाम जाप करें व कीर्तन करें. प्रेमानंद जी बताते हैं कि जन्माष्टमी के विशेष मौके पर श्री कृष्ण के जन्म अवतार से जुड़ी कथाएं सुनें.

भगवान का नाम जाप करना जरूरी 
प्रेमानंद जी महाराज ऐसा मानते हैं कि केवल व्रत करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है, इस दिन भगवान का नाम जाप करना जरूरी होता है. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि देवी-देवताओं के नामों में अद्भुत शक्ति होती है, इनके नाम जपने से भक्तों के पाप कटते हैं. प्रेमानंद महाराज के अनुसार, भगवान के नाम जाप से मानसिक शांति भी मिलती है. प्रेमानंद जी महाराज की माने तो यदि व्यक्ति ऐसा नहीं करे तो उसकी पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है. 

 प्रेमानंद जी महाराज कहां मनाते हैं जन्माष्टमी?
जहां तक प्रेमानंद जी महाराज के जन्माष्टमी मनाने की बात है तो वो वृंदावन स्थित अपने आश्रम में मनाते हैं. उनके आश्रम 'श्री हित राधा केली कुंज' में जन्माष्टमी का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. वृंदावन के स्‍वामी प्रेमानंद महाराज पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में रह रहे हैं. सत्संग के माध्यम से भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं. उनके भजन व सत्संग को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से उनके आश्रम पहुंचते हैं.

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