UP GK: भारत के कई मंदिर दुनियाभर में मशहूर हैं. ये मंदिर अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. साथ ही ये सभी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र भी है, जहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं.
ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी है. इस मंदिर का अपना इतिहास और धार्मिक मान्यता है. इस मंदिर में भगवान को पुलिस की वर्दी पहनाई जाती हैं. ऐसे में जानिए आखिर ये मंदिर कौन हैं और इसका रहस्य क्या है?
जी हां, वो मंदिर कोई और नहीं...बल्कि काल भैरव मंदिर है. काल भैरव को काशी का कोतवाल भी कहते हैं. मान्यता है कि बाबा काल भैरव काशी की रक्षा करते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को उनकी परमिशन लेनी पड़ती है.
इस मंदिर में भगवान काल भैरव की प्रतिमा को पुलिस की टोपी, छाती पर बिल्ला, बाएं हाथ में चांदी का डंडा और वर्दी पहनाई जाती है. कहते हैं जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, तब लोगों ने बाबा काल भैरव से रक्षा की प्रार्थना की.
कोरोना महामारी के समय मंदिर के पुजारियों और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर यह फैसला लिया था कि बाबा को पुलिस की वर्दी पहनाकर शहर की सुरक्षा और महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की जाए.
यह पहल न सिर्फ आस्था का प्रतीक थी, बल्कि पुलिस कर्मियों के प्रति सम्मान और अथक प्रयासों को भी दर्शाती थी. तब से यह परंपरा समय-समय पर दोहराई जाती है. खास तौर पर जब शहर में संकट की स्थिति हो.
भगवान का ये अनोखा रूप देखने के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि काशी वालों के पाप का लेखा जोखा बाबा खुद करते हैं. जहां एक ओर बाबा लोगों को उनके कर्मों का दंड देते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके समस्या का समाधान भी करते हैं.