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रक्षाबंधन को सावन का आखिरी सोमवार, व्रत रखें या नहीं, यहां दूर करें असमंजस

Sawan Last Somwar 2024: सावन का आखिरी सोमवार पूर्णिमा को पड़ रहा है और इसी दिन रक्षाबंधन भी मनाया जाता है. ऐसे में बहुत से लोगों में यह असमंजस है कि व्रत रखना चाहिए या नहीं.

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रक्षाबंधन को सावन का आखिरी सोमवार, व्रत रखें या नहीं, यहां दूर करें असमंजस
Pradeep Kumar Raghav |Updated: Aug 16, 2024, 10:07 PM IST
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Sawan Last Somwar 2024: इस साल सावन का आखिरी सोमवार 19 अगस्त को है. और इसी दिन पूर्णिमा भी है. और जैसा कि सावन की पूर्णिमा को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाने की मान्यता है. ऐसे में सावन के सोमवारों का व्रत रखते आ रहे बहुत से जातक इस बात को लेकर कन्फ्यूज हैं कि 19 तारीख को पड़ने वाले सावन के आखिरी सोमवार का व्रत रखना चाहिए या नहीं. तो चलिये ज्योतिष शास्त्र ऐसी स्थिति में क्या सलाह देता है आपको बताते हैं. 

सावन के आखिरी सोमवार का व्रत
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो अगर आपने अब तक सावन के सभी सोमवारों का व्रत रखा है तो आपको सावन के आखिरी सोमवार का व्रत भी रखना चाहिए. क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका सावन सोमवार व्रत का संकल्प अधूरा रह जाएगा. इसलिए ज्योतिषियों की मानें तो सावन के आखिरी सोमवार का व्रत भी आपको रखना चाहिए भले ही इस दिन रक्षाबंधन पड़ रहा है. 

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आखिरी सोमवार को शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की गणना के अनुसार सावन के आखिरी सोमवार को कई शुभ योग जैसे रवि योग, सवार्थ सिद्धि योग और शोभन योग आदि बन रहे हैं. मान्यता है कि ऐसे शुभ योगों में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. 

आखिरी सोमवार को पूजा मुहूर्त
19 अगस्त को इस साल के सावन का आखिरी सोमवार है. रक्षाबंधन के दिन पड़ने वाले इस सोमवार को शिव पूजा और उनके अभिषेक का शुभ मुहूर्त सुबह 05:33 से 08:10 बजे तक है. यानी अब पूजा की तैयारी सुबह समय से पूरी कर लें.

रक्षाबंधन पर राखी का शुभ मुहूर्त
सावन के आखिरी सोमवार को इस बार रक्षाबंधन भी है तो इसलिए बहनों को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त भी जान लेना चाहिए. वैदिक पंचाग के अनुसार इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र दोपहर  1:30 बजे से शाम 7 बजे की बीच बांध सकती हैं. गौर करने वाली बात है कि इस दौरान चर, लाभ और अमृत का शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार सावन की पूर्णिमा से लेकर जन्माष्टमी तक मनाया जाता है.  

Disclaimer: दी गई जानकारी पंचांग और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.

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