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हद हो गई! दूध-पनीर के बाद नकली किताबें, मुजफ्फरनगर में छापी जा रही थी फर्जी NCERT की बुक

Muzaffarnagar News: पिछले दिनों यूपी की राजधानी लखनऊ नकली पनीर पकड़ी गई थी. दूध-पनीर और दवा के बाद अब यूपी में नकली किताबें पकड़ी गई हैं. मुजफ्फरनगर में नकली NCERT की किताब छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. 

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सांकेतिक तस्‍वीर AI की है
सांकेतिक तस्‍वीर AI की है
Zee Media Bureau|Updated: Jun 02, 2025, 06:58 PM IST
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Muzaffarnagar News: यूपी के मुजफ्फरनगर में एनसीईआरटी (NCERT) की फर्जी किताबें छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने गिरोह के आठ सदस्‍यों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि यह गिरोह कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक फर्जी एनसीईआरटी किताबें छाप कर बाजार में बेचा करते थे. इन किताबों को प्रयागराज, दिल्‍ली, राजस्‍थान और हरियाणा में सप्‍लाई की जाती थी. 

एक करोड़ फर्जी किताबें जब्‍त 
पुलिस ने आरोपियों के पास से NCERT की 1 लाख 33 हजार फर्जी किताबें जब्‍त की हैं. इसकी कीमत करीब 3 करोड़ बताई जा रही है. साथ ही 3 वाहन, 3 करोड़ का माल भी बरामद किया है. किताबें छापने की कई तरह की मशीनें और पेपर रोल भी मिले हैं. बताया गया कि हरियाणा में फैक्ट्री में किताबें छापी जा रही थीं. मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र में गोदाम बना रखा था. पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. 

इनकी हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी आदिल मेवाती पुत्र इंदू निवासी श्यामनगर, थाना लिसाड़ी गेट मेरठ, अनिल चौहान पुत्र देवेंद्र चौहान निवासी सुंदर नगर डिफेंस एंक्लेव, थाना कंकरखेड़ा मेरठ, राहुल राणा पुत्र जगत सिंह निवासी माधवपुरम, थाना ब्रह्मपुरी मेरठ, राजू शर्मा पुत्र रामेंद्र शर्मा निवासी मोहकमपुर, दिल्ली रोड, ताराचंद पुत्र चेतराम पाल निवासी मोहकमपुर, दिल्ली रोड, सतेंद्र सिंघल पुत्र वैजनाथ सिंघल निवासी नौचंदी ग्राउंड, मेरठ, जावेद पुत्र इकरामुद्दीन निवासी गोला कुआं, थाना कोतवाली नगर मेरठ, अमित सैनी पुत्र प्रेचंद सैनी निवासी इंद्रानगर फर्ट मोहल्ला, थाना ब्रह्मपुरी, मेरठ के रहने वाले है. 

देशभर में की जाती थी सप्‍लाई
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एनसीईआरटी की फर्जी किताबें छापकर बाजार में बेचते थे. हर सदस्य की अलग-अलग जिम्मेदारी तय है. समालखा पानीपत, हरियाणा में प्रिंटिंग प्रेस लगाई गई थी, जहां से फर्जी किताबें छपती थीं.  उसके बाद इन्हें खतौली के ग्राम भैंसी स्थित गोदाम में रखा जाता था. यहीं से देशभर में सप्‍लाई की जाती थी. 

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