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बाबा हम तो आएंगे, जल वहीं चढ़ाएंगे... संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर शिव सैनिकों का बड़ा ऐलान, प्रशासन हाई अलर्ट

Sambhal News: संभल जिले की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद एक बार फिर विवादों की आग में घिर गई है. मुरादाबाद के कथित शिव सैनिकों ने मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए यहां गंगाजल चढ़ाने का ऐलान किया है, जिससे इलाके में सांप्रदायिक तनाव की लपटें तेज हो गई हैं.

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Shahi Jama Masjid in Sambhal
Shahi Jama Masjid in Sambhal
Shailesh Yadav|Updated: Jul 28, 2025, 08:00 PM IST
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Sambhal News/सुनील सिंह: उत्तर प्रदेश के संभल जिले की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद एक बार फिर विवादों में घिर गई है. मुरादाबाद के कथित शिव सैनिकों द्वारा मस्जिद में जलाभिषेक करने के ऐलान से इलाके में सांप्रदायिक तनाव गहराने लगा है. इसको देखते हुए प्रशासन ने मस्जिद के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. RAF, पुलिस बल की तैनाती के साथ सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है और आम लोगों को कड़ी जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.

बाबा हम तो आएंगे, जल वहीं चढ़ाएंगे
हाथों में गंगाजल लेकर मस्जिद की ओर कूच कर रहे शिव सैनिकों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया. इस दौरान शिव सैनिकों ने जमकर नारेबाजी की – “बाबा हम तो आएंगे, जल वहीं चढ़ाएंगे.” पुलिस ने कई थानों की फोर्स लगाकर शिव सैनिकों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.

शिव सैनिकों का ऐलान 
शिव सेना के जिला प्रमुख वीरेंद्र अरोरा ने पुलिस कार्रवाई को तानाशाही बताते हुए सरकार पर विपक्षी पार्टियों की तरह उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि चाहे जो हो जाए, वे वहां जल जरूर चढ़ाएंगे.

बीते साल हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि नवंबर 2024 में शाही जामा मस्जिद में प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय और अधिकारियों के बीच विवाद हुआ था, जो बाद में हिंसा में तब्दील हो गया था. उसी के बाद से इस क्षेत्र को संवेदनशील घोषित कर दिया गया है और लगातार सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.

हर साल दोहराया जाता है दावा
हिंदू संगठनों का दावा है कि संभल की शाही जामा मस्जिद असल में हरिहर मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद में तब्दील कर दिया गया. इस दावे के आधार पर हर साल कथित शिव सैनिकों की ओर से यहां जलाभिषेक करने की घोषणा की जाती है. इसी क्रम में इस वर्ष भी बीते शनिवार को शिव सैनिकों ने रविवार को जल चढ़ाने का ऐलान किया था, लेकिन मुरादाबाद पुलिस ने उन्हें रोक दिया.

मुस्लिम पक्ष का दावा
वहीं, मुस्लिम समुदाय का कहना है कि शाही जामा मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई, बल्कि यह एक ऐतिहासिक इबादतगाह है. यह मामला पहले से ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में किसी भी पक्ष द्वारा कोई भी उकसाने वाला कदम क्षेत्र में शांति व्यवस्था को भंग कर सकता है.

प्रशासन अलर्ट पर
मामले की गंभीरता को देखते हुए संभल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए RAF, PAC और स्थानीय पुलिस बल तैनात है. जिला प्रशासन की निगरानी में इलाके की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

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