Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा चूक मामले में रोजना नए नए खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी घटना को अंजाम देने के लिए एक दो नहीं बल्कि 7 स्मोक कैन लेकर पहुंचे थे. इन्हीं स्मोक केन से संसद के अंदर पीले रंग का धुआं फैला था. आरोपियों ने साजिश के तहत इस घटना को बड़ा बनाने के लिए संसद के अंदर घुसपैठ का प्लान बनाया था. आरोपियों ने गूगल पर संसद भवन के आस-पास का एरिया भी सर्च किया था. इंटरनेट के जरिए बहुत सारी चीजों को सीखा था. इसके लिए उन्होंने संसद की सुरक्षा के पुराने वीडियो देखे थे.
कौन है मास्टरमाइंड?
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस आरोपियों को पकड़ न पाए इसके लिए सेफ चैट्स कैसे की जाती हैं वह भी सर्च किया. यही वजह है कि सभी आरोपी सिग्नल एप पर बात करते थे ताकि पकड़े न जाएं. अब तक की जांच में ललित खुद को मास्टमाइंड बता रहा है. उसका सबसे बड़ा मकसद मीडिया में अपना प्रभाव साबित करना था इसलिए उसने सत्र के दौरान संसद में घुसने की योजना तैयार की. पश्चिम बंगाल के रहने वाले झा को गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. अभी तक की जांच में सभी सेल्फ रेडिक्लाइज लग रहे हैं. बताया गया कि पकड़े गए आरोपी देश के कई युवाओं को आकर्षित कर अपने साथ जोड़ चुके थे.
कई बार एक-दूसरे से मिले थे आरोपी
शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने एक स्थानीय अदालत में कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार ललित झा पूरे षड्यंत्र का सरगना है. ललित समेत अन्य आरोपी देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें. पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में दावा किया कि झा ने स्वीकार किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे. इसके अलावा आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या उसका किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध है.
पुलिस कर सकती है नाट्य रूपांतरण
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना का नाट्य रूपांतरण करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है. यह घटना 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर हुई थी. वहीं पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम सदन के अंदर और संसद भवन के बाहर घटना के नाट्य रूपांतरण की अनुमति लेने के लिए संसद से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं. बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए गए ललित झा ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने अपना फोन दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंक दिया था और अन्य आरोपियों के फोन भी नष्ट कर दिए थे.” ऐसे में झा को राजस्थान ले जाया जाएगा ताकि उस स्थान का पता चल सके जहां उसने अपना फोन फेंका था और दूसरों के फोन जला दिए थे.
उन्होंने कहा कि मामले में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पुलिस के पास आरोपियों के मोबाइल फोन नहीं हैं, जिससे साजिश का पता लगाने और अधिक लोगों की संलिप्तता के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि पुलिस दो अन्य लोगों कैलाश और महेश से पूछताछ कर रही है. अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है.
विदेशी ताकत का हाथ होने का संदेह
अधिकारी के मुताबिक, आरोपियों ने जिस तरह से साजिश रची थी और घटना से पहले रेकी करने के लिए कई बार दिल्ली का दौरा किया था, उससे पुलिस को इसमें विदेशी ताकत का हाथ होने का संदेह है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने केन को जूते में छिपाने में आरोपियों की मदद की थी.