Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना को और पारदर्शी बनाने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब इस योजना के तहत होने वाले विवाहों में दूल्हा और दुल्हन की बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई है. इसके साथ ही, विवाह समारोह में जिलाधिकारी की उपस्थिति भी जरूरी होगी. इन सख्त नियमों का मकसद योजना में किसी भी तरह की अनियमितता को रोकना और लाभार्थियों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना है. सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आधार सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिविहीन रखा जाए.
वर और वधू की बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य
योगी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले शादियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए वर और वधू की बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है. अब विवाह स्थल पर दोनों पक्षों को अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम से दर्ज करानी होगी. इसके लिए आधार कार्ड आधारित सत्यापन प्रक्रिया को लागू किया गया है. ऐसा करने का मकसद केवल पात्र लाभार्थी ही योजना का लाभ उठाने के लिए है.
वेरिफेकेशन में लापरवाही पर कार्रवाई
नए नियमों के तहत दुल्हन के आधार सत्यापन में किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा. यदि सत्यापन प्रक्रिया में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. समारोह स्थल पर मंडलीय उपनिदेशकों और जिला समाज कल्याण अधिकारियों की उपस्थिति जरूरी होगी. समारोह में किसी भी अनियमितता की स्थिति में ये अधिकारी सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट करेंगे.
डीएम की मौजूदगी जरूरी
एक ही स्थान पर 100 या उससे अधिक जोड़ों की शादियों की स्थिति में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे. जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि विवाह प्रक्रिया नियमों के अनुसार हो रही है और सभी लाभार्थी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं. यह कदम योजना के दुरुपयोग को रोकने और प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है.
अनुदान राशि बढ़ाई गई
इसी साल अप्रैल में मुख्यमंत्री योगी ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ पाने के लिए निर्धारित दो लाख रुपये वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने की आवश्यकता जताई. समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने पात्र नवविवाहित जोड़ों को 51 हजार रुपये के स्थान पर एक लाख रुपये देने का निर्णय लिया. एक लाख रुपये की इस राशि में से 60 हजार रुपये कन्या के बैंक खाते में, जबकि नवविवाहित जोड़े को 25 हजार रुपये के उपहार दिए जाएंगे. बाकी 15 हजार रुपये वैवाहिक समारोह में खर्च किए जाएंगे.
सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट
गौरतलब है कि आर्थिक रुप से कमजोर परिवार की कन्याओं का विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत संपन्न करवाया जाता है. इस योजना के तहत सरकार दंपतियों को आर्थिक सहायता, उपहार और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है. नए नियमों से न केवल योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि लाभ केवल वास्तविक और पात्र दंपतियों को ही मिले.