UP News: देश की राजधानी दिल्ली की सियासत में हर राज्य का अपना-अपना दबदबा है. इसका असर विधायक चुने जाने में भी देखने को मिला. दिल्ली की 70 में 17 सीटों पर बाहरी लोगों ने अपना परचम लहराया. इसमें यूपी के तीन और उत्तराखंड के दो विधायक चुने गए. दिलचस्प बात है कि बाहरी नेता आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों से चुनकर आए हैं.
यूपी के तीन विधायक
यूपी के तीन विधायकों का दबदबा दिल्ली विधानसभा चुनाव में देखने को मिला. यहां ओखला विधानसभा सीट से जीतने वाले अमानतुल्लाह खान मेरठ के रहने वाले हैं. अमानतुल्लाह ने ओखला सीट पर बीजेपी के मनीष चौधरी को हराया है. मनीष गुर्जर समुदाय से आते हैं. वहीं, मऊ के गोपाल राय भी विधायक चुने गए हैं. गोपाल राय दिल्ली आप के अध्यक्ष भी हैं. वह बाबरपुर सीट से विधायक चुने गए हैं. हापुड़ के मूल निवासी चौधरी मतीन अहमद के बेटे जुबेर ने सीलमपुर सीट से जीत दर्ज की है. सीलमपुर सीट से मतीन भी कई बार विधायक रह चुके हैं.
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आतिशी का मिर्जापुर कनेक्शन
कालकाजी सीट से जीत दर्ज करने वालीं आतिशी का होमटाउन पंजाब है. उनके पिता पंजाब से ही आते हैं. आतिशी का यूपी के मिर्जापुर से भी कनेक्शन है. 2004 में बीएचयू के पूर्व वाइस चांसलर प्रो पंजाब सिंह के एकलौते बेटे प्रवीण सिंह की पत्नी आतिशी मार्लेना सिंह हैं. प्रो. पंजाब सिंह अनंतपुर गांव के रहने वाले हैं. उनके पति का पूरा परिवार लंबे समय से वाराणसी के लंका क्षेत्र में रह रहा है.
उत्तराखंड मूल के 2 विधायक जीते
उत्तराखंड से आकर दिल्ली में सियासत करने वाले मोहन सिंह बिष्ट और रवींद्र नेगी चुनाव जीत गए हैं. रवींद्र नेगी ने पटपड़गंज सीट पर आम आदमी पार्टी के अवध ओझा को हार का स्वाद चखाया. इस सीट पर पिछली बार नेगी AAP के मनीष सिसोदिया से कड़े मुकाबले में हार गए. मोहन बिष्ट दिल्ली के पहले भी विधायक रह चुके हैं. मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद सीट पर बिष्ट को बड़ी जीत मिली है. इस चुनाव में बिष्ट ने आम आदमी पार्टी के आदिल हुसैन को हराया है. दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर भी यहीं से चुनाव लड़ रहे थे.
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