Kanpur News: जलवायु परिवर्तन, हद से ज्यादा प्रदूषण और मानवीय गतिविधियां जैसे खनन व बांध निर्माण जैसे कारणों से देश में सरस्वती जैसी कई नदियां विलुप्त हो चुकी है. लेकिन हाल ही में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के 'एक जिला एक नदी' अभियान के प्रयत्नों से एक ऐसी नदी को फिर से जीवित कर दिया गया, जो इतिहास बन चुकी थी. ये नदी कौन सी- है और कहां बहती है, यह बताने से पहले हम आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 5 जून को सरयू महोत्सव के दौरान 'एक जिला एक नदी' अभियान का जिक्र करते हुए कहा था कि यूपी के सभी 75 जिलों में उन नदियों को फिर से जीवित किया जाएगा, जो कभी समाज और संस्कृति का हिस्सा रहीं हैं.
'एक जिला एक नदी' अभियान के तहत ही कानपुर की भूली-बिसरी नून नदी को पुनर्जीवित किया गया है. 48.5 कि.मी. लंबी नून नदी कभी कन्हैया झील से निकलकर बिठूर में गंगा में जाकर मिलती थी. यह नदी कभी बिल्हौर, शिवराजपुर और चौबेपुर समेत 34 ग्राम पंचायत क्षेत्र के खेतों की सिंचाई का प्रमुख साधन थी. मगर लगातार होते अतिक्रमण, गाद और जलकुंभी की पैदावार के चलते यह पूरी तरह से सूख गई थी.
कैसे पुनर्जीवित हुई नून नदी
नून नदी को फिर से जीवंत करने का काम 22 फरवरी 2024 को शुरू हुआ था. इस अभियान में नदी की पुरानी सैटेलाइट तस्वीरें, ड्रोन मैपिंग, और IIT कानपुर, बीएचयू, रिमोट सेंसिग एप्लिकेशन सेंटर जैसे कई संस्थानों से तकनीकी मदद भी ली गई. इसके अलावा इस नदी के पुनर्उत्थान (फिर से जीवित करना) के लिए 58 ग्राम पंचायतों के सहयोग से छह हजार मजदूरों से नदी की सफाई और खुदाई का काम कराया गया. नदी की 23 किमी की लंबाई का काम मनरेगा के तहत हुआ जिस पर करीब 57 लाख रुपये का खर्चा आया.
हरियाली का विस्तार किया
सीएम योगी के निर्देश पर जुलाई के पहले हफ्ते में नदी के दोनों तरफ पीपल, नीमस पाकड़ और सहजन जैसे 40 हजार पौधे लगाए, जिससे नदी के किनारों पर हरियाली तो बढ़ेगी ही साथ ही मिट्टी का कटाव भी रुकेगा.