Lucknow: सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवारको अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ के दौरे पर हैं. राजनाथ सिंह सुबह 11 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे. इसके बाद कई कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद उन्होंने चंद्रभानु गुप्ता की मूर्ति का अनावरण किया और उनके नाम से डाट टिकट जारी किया. चंद्रभानु गुप्ता की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम लखनऊ के नेशनल पीजी कॉलेज में रखा गया. साथ ही उनके नाम पर डाक टिकट भी जारी किया गया.
कौन हैं चंद्रभानु गुप्ता
चंद्रभानु गुप्ता स्वतंत्रता सेनानी और उत्तर प्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री थे और तीन बार मुख्यमंत्री रहे. चंद्रभानु गुप्ता का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के अतरौली में हुआ था. चंद्रभानु गुप्ता ब्रिटिश हुकूमत के रॉलेट एक्ट के खिलाफ सीतापुर में प्रदर्शन करते हुए 17 साल की उम्र में ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कूद गए थे. 1929 में उन्हें लखनऊ में भारतीय कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. वे आजादी की लड़ाई में काकोरी कांड के क्रांतिकारियों के वकील भी रहे.
चंद्रभानु गुप्ता का राजनीतिक करियर
आजादी के बाद चंद्रभानु गुप्ता कांग्रेस और जनता पार्टी में रहे. 1952 में उन्होंने लखनऊ शहर पूर्व से विधानसभा चुनाव जीता था. लेकिन 157 में वे इसी सीट से सोशलिस्ट पार्टी के त्रिलोकी सिंह से चुनाव हार भी गए थे. 1962 में वे रानीखेत दक्षिण से चुनाव जीते और 1962 से 1963 के दौरान उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे.
चंद्रभानु गुप्ता दूसरी बार 14 मार्च 1967 से 3 अप्रैल 1967 तक केवल 19 दिन के लिए सीएम रहे क्योंकि चौधरी चरण सिंह अपने 16 विधायकों के साथ कांग्रेस पार्टी से अलग हो गए थे.
चरण सिंह को गैर-कांग्रेसी दलों के गठबंधन, संयुक्त विधायक दल (एसवीडी) के नेता के रूप में चुना गया था. चरण सिंह 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 24 जुलाई 1967 को, गुप्ता ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, लेकिन सरकार बच गई थी.
चंद्रभानु गुप्ता तीसरी बार 26 फरवरी 1969 – 18 फरवरी 1970 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे.
चंद्रभानु गुप्ता मोतीलाल नेहरू मेमोरियल सोसाइटी के प्रमुख हिस्सा थे. मोतीलाल नेहरू मेमोरियल सोसाइटी ने लखनऊ में विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक कल्याण और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए,जिसमें से एक नेशनल पीजी कॉलेज भी है.
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