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यूपी का इकलौता गांव...जिसकी हद में समाए हैं 5 रेलवे स्टेशन, आबादी में भी है टॉप पर!

UP Hindi News: कल्पना कीजिए एक ऐसे गांव की, जिसकी सीमा में पांच-पांच रेलवे स्टेशन आते हों. जी हां, आज हम आपको उत्तर प्रदेश के ऐसे इकलौते गांव के बारे में बता रहे हैं, जिसकी हद में पांच रेलवे स्टेशन शामिल हैं. आइए जानते हैं इस अनोखे गांव के बारे में...  

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
Zee Media Bureau|Updated: Jun 20, 2025, 06:16 PM IST
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UP Latest News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का चोपन ब्लॉक एक बार फिर सुर्खियों में है. वजह है यहां की बेहद खास ग्राम पंचायतें, जो अपने दायरे, जनसंख्या और संरचना के मामले में कई कस्बों और नगरों को भी पीछे छोड़ देती हैं. खासकर पनारी और कोटा गांव  जो न सिर्फ क्षेत्रफल में विशाल हैं, बल्कि अपने भीतर कई अनूठे तथ्य समेटे हुए हैं.

जुगैल के बाद सबसे बड़ा गांव!
पनारी गांव चोपन विकास खंड के अंतर्गत आता है और यह अपने आप में एक मिसाल है. यहां लगभग 35,000 की आबादी और 21,000 के करीब मतदाता हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये गांव आबादी में दूसरे नंबर है. पहले नंबर में जुगैल गांव को माना जाता है. इस गांव में 64 टोले हैं, और एक छोर से दूसरे छोर तक की दूरी 20 से 22 किलोमीटर है. जिसकी सीमा में 5 रेलवे स्टेशन आते हैं सलईबनवा, फफराकुंड, मगरदहा, ओबरा डैम और गुरमुरा. यहां 9 बीडीसी सदस्य चुने जाते हैं, जो अपने आप में पंचायत की विशालता को दर्शाता है.

इस गांव की समस्या
आज भी इसके कई टोलों में अब तक बिजली और स्कूल नहीं पहुंचे हैं, जबकि हर टोले की आबादी औसतन 700 के करीब है. ग्राम प्रधान बताते हैं कि टोला-टोला की दूरी 5-6 किमी है, लेकिन पंचायत के पास इतनी लंबी सड़कों के निर्माण का बजट नहीं है. 

कोटा ग्राम पंचायत भी इसी ब्लॉक में है और कभी इसका हिस्सा रहा डाला बाजार अब अलग होकर नगर पंचायत बन चुका है. फिर भी कोटा का आकार डाला से लगभग दोगुना है. कोटा में 15,000 से ज्यादा मतदाता हैं, जबकि डाला में मात्र 8,000.पहले कोटा में 58 टोले थे, अब भी 52 बचे हैं. पंचायत का फैलाव इतना है कि एक छोर से दूसरे छोर तक की दूरी 17-18 किलोमीटर है. 

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