UP first woman police commissioner: 8 मार्च, यह वह तारीख है जब दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस खास दिन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही राजनीति, प्रशासन से लेकर अन्य क्षेत्रों में मुकाम हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है. महिला दिवस के मौके पर पढ़िए 'लेडी सिंघम' कही जाने वाली यूपी की पहली महिला कमिश्नर आईपीएस लक्ष्मी सिंह की कहानी.
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए करें काम
एक इंटरव्यू के दौरान आईपीएस लक्ष्मी सिंह ने कहा था, अगर कोई महिला सशक्त होती है, उसे बाकी की महिलाओं को भी आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए. पुलिस सेवा एक ऐसा माध्यम है, जहां आप इस काम को आसानी से और बड़े स्तर पर कर सकते हैं. आपकी एक पहल से एक महिला ही नहीं बल्कि कई महिलाओं के लिए कोई एक नया रास्ता खुल सकता है.
कौन हैं IPS लक्ष्मी सिंह?
लक्ष्मी सिंह 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. उनकी गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसरों में होती है. लक्ष्मी सिंह ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद समाजशास्त्र से मास्टर्स की डिग्री हासिल की. तेजतर्रार आईपीएस लक्ष्मी सिंह अपराधियों पर ताबड़तोड़ एक्शन के लिए जानी जाती हैं. जिन केस को वो हाथ में लेती हैं उनका फटाफट निपटारा करती हैं.
अपराधियों की तोड़ी कमर
विकास दुबे केस की जांच मुख्यमंत्री ने उनको सौंपी थी. लक्ष्मी सिंह ने वर्दी में छिपे अपराधियों की पहचान की बल्कि उन पर गाज भी गिरी. उन्नाव में खेत में रस्सी से बंधी तीन लड़कियों के केस में महज तीन दिन के भीतर ही आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने में अहम भूमिका निभाई थी. यही नहीं बुंदेलखंड में मुखबिर सिस्टम से डकैतों के गिरोह का किला ध्वस्त कर उनका सफाया किया.
नोएडा की बनीं पुलिस कमिश्नर
साल 2014 में उनको प्रमोशन के बाद आगरा का डीआईजी बनाया गया था. यहां अपराधियों के खिलाफ उनकी ताबड़तोड़ कार्रवाई की चर्चा आज भी होती है. 2018 में प्रमोशन के बाद वह आईजी बनीं. साल 2019 में उनको लखनऊ की कमान दी गई थी. अभी वह नोएडा की कमान संभाल रही हैं. उनको दिसंबर 2022 में यहां का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था. चार्ज लेते ही वह यहां की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुट गईं.
बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह की पत्नी
यूपी बीजेपी के विधायक और पूर्व ईडी के जाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह की पत्नी हैं. हैदराबाद में ट्रेनिक के दौरान उनको बेस्ट प्रोवेजनर घोषित किया गया थ. जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको चादी की छड़ी दी थी. केंद्रीय गृहमंत्रालय से भी उनको 9 एमएम की पिस्टल पुरस्कार में मिली थी.