UP Politics: मिल्कीपुर की सियासी जंग को जीतने के बाद अब यूपी में बीजेपी संगठन चुनाव प्रक्रिया रफ्तार पकड़ेगी. पिछले महीने ही बीजेपी जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान होना था लेकिन उपचुनाव और कई जिलों में खींचतान के चलते इस पर ब्रेक लग गया. अब दोबार इस पर मंथन होगा. चर्चा है कि जहां नामों को लेकर पेंच फंस रहा है, उनको आपसी सामंजस्य से दूर करने की कोशिश की जाएगी.
उपचुनाव-टकराव से टला नामों का ऐलान
बता दें कि बीजेपी ने सूबे को संगठन के लिहाज से 98 जिलों में विभाजित किया है. इनमें से करीब 8 से 10 जिलों में जिलाध्यक्षों के नामों पर माथापच्ची ज्यादा है. नामों पर एकमत होने को लेकर लंबी रायशुमारी हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. मिल्कीपुर में उपचुनाव के चलते इसको टाल दिया गया. अब उपचुनाव के बाद फिर से जिलाध्यक्षों के चुनाव को लेकर पार्टी आगे बढ़ेगी.
कब आ सकती है बीजेपी जिलाध्यक्षों की लिस्ट?
सूत्रों के मुताबिक अगले 4 से 5 दिनों में बीजेपी जिलाध्यक्षों के नामों से पर्दा उठ सकता है. सूत्रों का कहना है कि कई जिलों में जिलाध्यक्ष को लेकर संगठन बनाम सरकार की स्थिति है. यहां स्थानीय विधायक, सांसद और मंत्री और संगठन की नामों को लेकर राय अलग-अलग है. ऐसे में बीच का रास्ता निकालने पर जोर दिया जा रहा है. जिससे स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी यह न लगे कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है.
दो टुकड़ों में आ सकती है लिस्ट
सूत्रों की मानें तो बीजेपी जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान एक साथ न कर दो हिस्सों में किया जा सकता है. पहले हिस्से में उन जिलों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा की जाएगी. जहां खींचतान की स्थिति नहीं है या नामों को लेकर रायशुमारी बन चुकी है. जबकि इसके बाद दूसरे हिस्से में बचे हुए जिलों के लिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिशें शुरू होंगी. बात बन जाने के बाद उन जिलों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा होगी.
बताया जा रहा है कि अगर सभी जगहों पर अगले दो-तीन दिनों में नामों को लेकर सभी एकमत हो जाते हैं तो जिलाध्यक्षों की लिस्ट एक साथ भी जारी हो सकती है. हालांकि इसकी संभावना काफी कम दिखाई दे रही है.