UP News: सपा के पीडीए फॉर्मूले से लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी सीटों का घाटा झेल चुकी है. अब इसकी धार बीजेपी कुंद करने में जुटी हुई है. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर प्रतिमाएं-पार्कों में सफाई और दीपांजलि के बाद भीमनगरी के आयोजन में सीएम योगी आदित्यनाथ के शामिल होने की सहमति यही इशारा दे रही है.
बीजेपी से छिटक गए दलित वोटर
आगरा में कई विधानसभा सीटों पर दलित वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. बीजेपी उन्हें पार्टी से फिर जोड़कर अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है. केंद्र और प्रदेश सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थी बने दलित वोटर्स ने 2014 से 2022 के विधानसभा चुनाव तक बीजेपी का हर स्तर पर खूब साथ निभाया. प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनी तो अधिकांश जिलों में ट्रिपल इंजन की भी सरकार बनी, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में सपा के पीडीए फॉर्मूले के प्रभाव में आए दलित वोटर बीजेपी से छिटक गए.
उद्घाटन कार्यक्रम में आएंगे सीएम
इसके चलते बीजेपी को प्रदेश में सीटों का जबरदस्त घाटा उठाना पड़ा. अंबेडकर जयंती के मौके पर चिंता का विषय बने इस समीकरण को तोड़ने के लिए बीजेपी नेतृत्व ने लिया है. देश भर में कई आयोजनों के जरिए दलित वोटर को पार्टी से जोड़ने की कोशिश की है. इसी क्रम में आवास विकास कॉलोनी, सिकंदरा के सेक्टर 11 में आयोजित भीमनगरी का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे. इससे पहले भी आयोजन समिति ने उन्हें कई बार आमंत्रित किया था, लेकिन वह नहीं आ सके थे. लगातार तीन लोकसभा चुनाव में बसपा के हाथ खाली रहने के लिए उसका कोर वोटर छिटकना माना जाता है.
बीजेपी के लिए बड़े घाटे का सबब
अगर विधानसभा चुनाव 2027 में यह वोटर बसपा की ओर लौटता है तो यह भी बीजेपी के लिए बड़े घाटे का सबब बन सकता है. ऐसे में पार्टी की इस मशक्कत को दलित वोटर को अपने पाले में बनाए रखने की जुगत भी माना जा रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में संविधान बदलने का भ्रम फैला दलित वोटों को अपने पाले में करने में सफल रही कांग्रेस भी दलितों को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश में है.
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