कानपुर (प्रवीण पांडेय): यूपी में खोई सियासी जमीन हासिल करने के लिए कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में जुटी हो लेकिन पार्टी के अंदरखाने ही बगावत के सुर देखने को मिल रहे हैं. इसकी बानगी गुजरात के अहमदाबाद में 84वें अधिवेशन में खुलकर देखने को मिली. जहां लोकसभा से उम्मीदवार रहे आलोक मिश्रा ने मौजूदा महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं पवन गुप्ता ने भी इस पर पलटवार किया.
नियुक्ति पर उठाए सवाल
दरअसल कांग्रेस अधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विचार रखे. इसके बाद नेताओं का नंबर आया. इसी दौरान कानपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी रहे आलोक मिश्रा ने कांग्रेस में नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए. आलोक मिश्रा ने कहा, हम लोग भाजपा से बाद में लड़ते हैं. कांग्रेसी ही आपस में लड़ रहे हैं. एक बात तय कर लीजिए कि जो भी फैसला ऊपर से होगा, हम सहर्ष स्वीकार करेंगे आपस में नहीं लड़ेंगे, जब तक कांग्रेस को सत्ता में लाकर नहीं दम लेंगे.
क्या बोले आलोक मिश्रा?
आलोक ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी से कहा, "मैं आपसे कहने आया हूं कि आप बीजेपी को हटाना चाहते हैं और कांग्रेस के अंदर जो बीजेपी के लोग हैं, उन्हें हटाना चाहते हैं तो मैं पूछना चाहता हूं कि अगर कोई शहर अध्यक्ष है, जिसका एक लड़का सपा में हो और एक लड़का बीजेपी में हो…क्या वो शहर अध्यक्ष होने लायक है? अगर है तो हम उसको स्वीकार करते हैं. ऐसी नियुक्तियों की वजह से ही कांग्रेस पिछड़ रही है.
आलोक मिश्रा ने कहा कि साल 1982 से एक कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने पार्टी की सेवा की. कानपुर और आसपास के जिलों में पार्टी को मजबूत किया लेकिन संगठन में जिनको नियुक्त किया गया है, उनका इतिहास जानना भी बेहद जरूरी है. पार्टी नेता के बयान पर सोनिया गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ताली बजाते रहे.
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष ने किया पलटवार
वहीं कांग्रेस महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता ने भी आलोक मिश्रा के इन आरोपों पर पलटवार किया. पवन गुप्ता ने कहा, आलोक मिश्रा का बयान राजनीतिक हताशा और कुंठा का प्रतीक है. मेरा कोई बेटा भारतीय जनता पार्टी में नहीं है. जिस बेटे के बीजेपी में होने की बात कही जा रही है वह कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता हौ और बीते चार साल से यूपी कांग्रेस उद्योग व्यापार मंडल प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष है.