Lucknow News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को प्रदेश मुख्यालय में बड़ी समीक्षा बैठक बुलाई गई. इस बैठक में मंडल व जिला इंचार्ज के साथ ही सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया गया है. इसमें करीब 300 से ज्यादा पदाधिकारी शामिल हुए. इस बैठक में पार्टी में वापसी के बाद आकाश आनंद नहीं पहुंचे. बसपा चीफ मायावती ने साफ किया है कि आकाश आनंद को अभी कोई नई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी. पहले यूपी और उत्तराखंड के संगठन को मजबूत करने का काम किया जाएगा.
आकाश आनंद को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?
वैसे तो विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने में मायावती जुटी हुई हैं, जिसके चलते अब हर महीने समीक्षा बैठकें कर रही हैं, लेकिन बुधवार को होने वाली यह बैठक बेहद अहम है. सूत्रों का कहना है कि बैठक में बसपा प्रमुख 41 दिन बाद ही भतीजे आकाश की पार्टी में वापसी के फैसले के पीछे की वजह पदाधिकारियों को बताएंगी. इतना ही नहीं मायावती अब आकाश को नए सिरे से पार्टी का अहम पद सौंपने पर भी अपनी स्थिति साफ कर सकती हैं.
क्यों हुई थी आकाश पर कार्रवाई?
दरअसल, आकाश आनंद पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ ही मायावती के उत्तराधिकारी भी रह चुके हैं. पिछले महीने पार्टी से आकाश को निष्कासित करने के बाद 25 मार्च को बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मायावती ने पदाधिकारियों को बताया था कि क्यों उन्होंने आकाश को उसके ससुर डॉ. अशोक सिद्धार्थ की गलत हरकतों के चलते पार्टी से बाहर किया था. अब सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने के बाद आकाश की पार्टी में वापसी की वजह को वैसे तो बसपा सुप्रीमो एक्स पर साझा कर चुकी हैं, लेकिन इस मामले में बुधवार को बैठक में पदाधिकारियों को पूरी जानकारी देंगी. ताकि पूरे घटनाक्रम को लेकर जनता के बीच उठते सवालों का जवाब दिया जा सके.
परिवारवाद पर भी उठ रहे सवाल
आपको बता दें, बसपा सुप्रीमो मायावती परिवारवाद की विरोधी रही हैं और आकाश पर कार्रवाई के दौरान इस बात को उठाया भी था, लेकिन दोबारा भतीजे आकाश को मौका देने पर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. सूत्रों का कहना है कि परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोपों से खुद को बचाने के लिए मायावती फिलहाल आकाश को संगठन में कोई बड़ा पद देने से बचें, लेकिन उनके भाई आनंद की पार्टी में हैसियत को देखते हुए आकाश आनंद को भी अहम जिम्मेदारी मिल सकती है.
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