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कैडर की मांग,भावी चेहरा या बढ़ता दबाव.? डोर थमाने से पर करतने तक, मायावती के आकाश को 'माफी और मौका' के सियासी मायने

UP Politics: आखिरकार आकाश आनंद की बसपा में वापसी हो चुकी है. लेकिन सियासी गलियारों में मायावती के आकाश को 'माफी और मौका' देने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो आकाश की पार्टी में वापसी एकदम नहीं हुई.

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कैडर की मांग,भावी चेहरा या बढ़ता दबाव.? डोर थमाने से पर करतने तक, मायावती के आकाश को 'माफी और मौका' के सियासी मायने
Shailjakant Mishra|Updated: Apr 14, 2025, 09:17 AM IST
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UP News: आकाश आनंद की 'घर वापसी' हो चुकी है. उन्होंने 'गलतियों' की माफी मांगते हुए पार्टी में वापस लिये जाने की गुहार लगाई तो मायावती ने उन्हें 'एक और मौका' देने का ऐलान कर दिया. लेकिन सवाल उठने लगे कि आखिर बगावत और पार्टी से बाहर करने के बाद 1 महीने में ऐसा क्या हुआ कि भतीज पर बुआ का दिल पसीज गया. मायावती के आकाश आनंद को 'माफी और मौका' के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

बसपा के लिए जरूरी या मजबूरी आकाश?
आकाश आनंद को मायावती ने भले पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया हो लेकिन अंदरखाने यह चर्चा जरूर चलती रही कि आकाश की घर वापसी जल्द होगी. सियासी जानकारों की मानें तो इसके पीछे कई वजह हैं. पहला, बसपा का कैडर और नेताओं को बचाना है, जिसमें लगातार विरोधी दल सेंधमारी कर रहे थे. दूसरा पार्टी कैडर निराश होता तो वह सपा और चंद्रशेखर की ओर भी कूच करने के चांस थे. 

मायावती ने क्यों लिया फैसला?
पार्टी चलाने से विरोधियों को जवाब देने तक सभी जिम्मेदारी मायावती के पास आ गई थीं. भले खुलकर नेता या कैडर उनके फैसले के खिलाफ न जाएं लेकिन उनका रुख बसपा सुप्रीमो को नजर आने लगा था. पार्टी कैडर की मांग हो या पार्टी का भविष्य का चेहरा, आकाश आनंद की जरूरत  को मायावती महसूस करने लगी थीं. सूत्रों की मानें तो मायावती ने इसी के चलते यह फैसला लिया. 

वापसी की लिख गई थी स्क्रिप्ट?
मायावती राजनीति में मंझी हुई खिलाड़ी हैं. उनके अब तक फैसलों और कार्यशैली पर नजर डालें तो सड़क पर संघर्ष करने की जगह जातीय और सियासी समीकरण पर ज्यादा विश्वास रखती हैं. वह बखूबी जानती हैं कि तरकश से कौन सा तीर कब निकालना है. सूत्रों की मानें तो बसपा में आकाश आनंद की वापसी एकाएक नहीं हुई है. इसके लिए स्क्रिप्ट तब तैयार होने लगी जब आकाश के पिता ने नेशनल कॉर्डिनेटर का पद छोड़ा. इसके बाद उनकी वापसी की संभावनाएं तलाशी जाने लगीं. पार्टी में आने के बाद उनको नेशनल कॉर्डिनेटर बनाने की भी तैयारी है.

सोशल मीडिया पर आकाश की माफी, मायावती ने दिया 'मौका'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर आकाश आनंद ने सिलसिलेवार पोस्ट में प्रण लेते हुए कहा कि वह भविष्य में किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी नातेदार और सलाहकार से कोई राय नहीं लेंगे. उनका इशारा ससुर अशोक सिद्धार्थ की ओर था, जिनके चलते उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. साथ ही पार्टी में दोबारा वापस लिये जाने की गुहार लगाई. कुछ घंटों बाद मायावती ने उन्हें 'एक और मौका' देने का ऐलान कर दिया. हालांकि बसपा सुप्रीमो ने दोहराया कि वह जीते जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी. साथ ही अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में दोबारा लेने से इनकार किया.

आकाश ने अपनी पोस्ट में कहा, "बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उप्र की चार बार मुख्यमंत्री रही एवं लोकसभा व राज्यसभा की भी कई बार सदस्य रही आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं. आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को व खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा." 

अगली पोस्ट में कहा, "यही नहीं बल्कि कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्वीट के लिए भी माफी मांगता हूं जिसकी वजह से आदरणीय बहन जी (मायावती) ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है. आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते-रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा." 

आकाश ने कहा, "और सिर्फ आदरणीया बहन जी के दिए गए दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा और पार्टी में अपने से बड़ों की व पुराने लोगों की भी पूरी इज्जत करूंगा और उनके अनुभवों से भी काफी कुछ सीखूंगा।" उन्होंने कहा, "आदरणीय बहन जी से अपील है कि वह मेरी सभी गलतियों को माफ करके मुझे पुन: पार्टी में कार्य करने का मौका दें, इसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा. साथ ही अब मैं आगे ऐसी कोई भी गलती नहीं करूंगा, जिससे पार्टी व आदरणीय बहन जी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान को ठेस पहुंचे." 

इसके कुछ घंटों बाद मायावती ने 'एक्स' पर पोस्ट कर आकाश को एक और मौका दिये जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आकाश आनन्द द्वारा ‘एक्स’ पर आज अपने चार पोस्ट में सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने व वरिष्ठ लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने की बात कही गई है और यह भी कहा गया है कि वह अपने ससुर की बातों में नहीं आएंगे लिहाज़ा बसपा व आंदोलन के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर इन्हें एक और मौका देने का निर्णय लिया जाता है."

बसपा प्रमुख ने कहा, ''वैसे अभी मैं स्वस्थ्य हूं और जब तक पूरी तरह से स्वस्थ्य रहूंगी, मान्यवर कांशीराम जी की तरह पार्टी व आंदोलन के लिए पूरे जी-जान व तन्मयता से समर्पित रहकर कार्य करती रहूंगी। ऐसे में मेरे द्वारा उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. मैं अपने निर्णय पर अटल रहूंगी. वैसे पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश अपनी तमाम गलतियों के लिए माफी मांगने व आगे ऐसी गलती नहीं करने को लेकर लोगों से लगातार सम्पर्क करता रहा है और आज उसने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने ससुर की बातों में आगे नहीं आने का संकल्प व्यक्त किया है."

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