RLD SP seat sharing : लोकसभा चुनाव 2024 को अब सिर्फ कुछ महीने ही बचे हैं. इस बीच समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल (RLD)गठबंधन पर नए सिरे से मुहर लग गई है. हालांकि मुजफ्फरनगर पर दोनों दलों में अभी अंतिम सहमति नहीं बन पाई है. इस बीच सियासी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर टकराव भी सामने आने लगा है. RLD के सिंबल पर सपा के उम्मीदवार को लेकर बात बिगड़ रही है. बताया जा रहा है कि कैराना, बागपत और मथुरा रालोद के हिस्से में जाने की संभावना है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैराना में सिंबल रालोद और प्रत्याशी सपा का रहेगा. शुक्रवार को सपा-रालोद गठबंधन की तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई. सीटों के नाम पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी है. शुरुआती सहमति में रालोद को सात सीटें दी गई, लेकिन सपा दो से तीन जगह अपने प्रत्याशी उतारना चाहती है.
ऐसी हालत में RLD के हिस्से में सिर्फ चार या पांच सीट होंगी. मथुरा, बागपत और कैराना पर रालोद का सिंबल रहेगा. लेकिन मुजफ्फरनगर किसके हिस्से आएगी, अभी साफ नहीं है.
यह भी संभव है कि मुजफ्फरनगर सीट पर सपा अपने ही सिंबल पर प्रत्याशी उतारे और बिजनौर सीट रालोद के हिस्से में चली जाए. इसी वजह से अंतिम फैसला नहीं हो सका.बागपत और मथुरा में रालोद के प्रत्याशी ही मैदान में उतरेंगे.
नगीना से चंद्रशेखर दावेदारी
दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर हुई बातचीत के बाद यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आसपा अध्यक्ष चंद्रशेखर सुरक्षित सीट नगीना से चुनाव लड़ेंगे. यही वजह है कि सपा और रालोद ने अपनी बातचीत में नगीना सीट को शामिल नहीं कर रहे हैं.
इस तरह बदले जाएंगे प्रत्याशी
रालोद और सपा ने विधानसभा चुनाव में भी सिंबल पर सहमति बनाने के बाद प्रत्याशी बदल लिए थे. यही वजह है कि मीरापुर से चौहान और पुरकाजी से अनिल कुमार रालोद के टिकट पर चुनाव जीते थे. इस बार भी कुछ सीटों पर यही फार्मूला अपनाने की तैयारी है.
हरेंद्र मलिक भी पहुंचे लखनऊ
पूर्व सांसद और सपा में पश्चिम के रणनीतिकारों में शामिल पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक भी शुक्रवार सुबह अपने समर्थकों के साथ लखनऊ पहुंचे. गठबंधन पर मुहर से पहले पश्चिम के समीकरण भी जानने की कोशिश दोनों नेताओं ने की. मलिक सपा से टिकट के दावेदार हैं, लेकिन रालोद में अभी उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी है.
रालोद में इनका नाम आगे
रालोद से टिकट की चाह रखने वालों की लंबी सूची है. शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी, रालोद विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की बेटी मनीषा अहलावत के नामों का जिक्र भी खूब होता है.
जयंत सिंह या चारू चौधरी
RLD में एक धड़ा अध्यक्ष जयंत सिंह के लिए बागपत से बेहतर विकल्प मुजफ्फरनगर को बता रहा है. लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि जयंत सिंह चुनाव लड़ेंगे या नहीं. उनकी पत्नी चारू चौधरी को भी प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है. लेकिन प्रत्याशी का समीकरण चुनाव करीब आने के बाद ही स्पष्ट होगा. यदि गठबंधन के दलों के अध्यक्षों ने चुनाव लड़ा तो जयंत सिंह के मैदान में उतरने की संभावना है.
क्या कहता है सियासी गठबंधन
साल 2019 के चुनाव में RLD ने मुजफ्फरनगर, बागपत और मथुरा से चुनाव लड़ा था. तीनों जगह हार का सामना करना पड़ा. इस बार अभी तक बागपत, कैराना और मथुरा सीट पर सहमति बनी है. लेकिन अन्य चार सीटों पर अभी भी जोर आजमाइश चली आ रही है.