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यूपी में भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन, क्या इन 5 पैमानों पर खरा उतरेगा, 2027 के पहले दलित या ओबीसी कार्ड खेलेगी?

UP BJP President Election 2025: उत्तर प्रदेश भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा, ये सवाल अब लखनऊ से दिल्ली तक सियासी गलियारे में तेज हो गया है. जिलाध्यक्ष चुनाव के बाद अब बीजेपी प्रमुख की कमान पर सियासी जोर आजमाइश तेज हो गई है. 

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UP BJP President Election
UP BJP President Election
Amrish Kumar Trivedi|Updated: Mar 21, 2025, 09:22 AM IST
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UP BJP President Election 2025: उत्तर प्रदेश में भाजपा जिलाध्यक्षों के चयन के बाद इस महीने के अंत तक प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को पूरी करने वाली है. हालांकि चेहरे से ज्यादा चर्चा जातीय समीकरणों की हो रही है कि पार्टी क्या किसी पिछड़े या दलित को चेहरे को प्रदेश भाजपा संगठन की कमान सौंपेगी या अगड़े चेहरे पर दांव लगाएगी. लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले से झटका खाने के बाद आसार हैं कि पार्टी किसी अनुसूचित जाति या ओबीसी नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है. 

इन पांच पैमानों पर टिका दारोमदार

उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच तालमेल और सामंजस्य को देखना होगा. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद यूपी में शीर्ष स्तर पर जैसा माहौल बना, उससे अच्छा सियासी संदेश नहीं गया था. लिहाजा पार्टी ऐसा नेता चाहेगी ताकि सरकार और संगठन के बीच किसी भी तरह की संवादहीनता या दूरी न दिखे. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल से आते हैं और इसी लिहाज से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भूपेंद्र चौधरी को बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था. क्षेत्रीय संतुलन साधने की यही चुनौती इस बार भी होगी. पार्टी अवध, रुहेलखंड, ब्रज या दोबारा पश्चिमी यूपी से अध्यक्ष चुन सकती है. हालांकि भाजपा में हमेशा चौंकाने वाले फैसले हुए हैं, ऐसे में कुछ भी संभव है.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जो भी होगा, उसके ही हाथों में 2027 विधानसभा चुनाव की कमान होगी. सीएम योगी की अगुवाई में बीजेपी ने पिछले कुछ उपचुनावों में जातीय समीकरणों को ध्वस्त करते हुए जिस तरह हिंदुत्व की सुनामी से सबको हिला दिया है, नया अध्यक्ष भी उसी भगवा पैमाने पर कितना फिट होगा, ये देखने वाली बात होगी.

विश्लेषकों का यह भी मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में जो झटका लगा, उसके पीछे बीजेपी और संघ में समन्वय में कमी होना भी थी. लिहाजा नया अध्यक्ष चुनने में आरएसएस से सलाह मशविरा और भाजपा के मातृ संगठन से जुड़ी पृष्ठभूमि भी बड़ी मायने रखती है. 

उत्तर प्रदेश दिल्ली की सत्ता का द्वार भी है, ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष का अगला चेहरा इस बात से भी तय होगा कि पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर किसी आगे लाना चाहती है. अगर पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जगह किसी दलित-ओबीसी नेता को लाना चाहती है तो प्रदेश में ऐसा होने की संभावना काफी कम है. यह भी हो सकता है कि भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश से हो, ऐसे में दावेदारी में आगे चल रहे नेताओं का समीकरण बिगड़ सकता है.

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