UP Panchayat Chunav 2025: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव भले अगले साल यानी 2026 में होने हों लेकिन बीजेपी ने अभी से इसको लेकर तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा और यूपी में उपचुनाव के बाद बीजेपी के करीब 10 हजार कार्यकर्ताओं और नेताओं को सरकार में समायोजित करने की तैयारी की जा रही है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम, अनुसूचित जाति जनजाति वित्त विकास निगम को मिलाकर सूबे में करीब 12 ऐसे आयोग और बोर्ड हैं, जहां नियुक्तियां की जानी हैं. बीते साल जुलाई में ही इनकी नियुक्तियों की कवायद शुरू हो गई थी. एससी आयोग, ओबीसी आयोग, महिला आयोग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बाल संरक्षण बोर्ड और सहकारी संस्थाओं में नियुक्तियां हुई हैं. 200 से ज्यादा कार्यकर्ताओं का समायोजन हो चुका है. लेकिन किन्ही कारणों के चलते इस पर बीच में ब्रेक लग गया.
जिलाध्यक्षों की लिस्ट के बाद शुरू होगी कवायद
इसके अलावा यूपी में 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 490 नगर पंचायतें हैं. इनमें करीब 5 हजार से ज्यादा सभासद और पार्षद मनोनीत किए जाएंगे. पार्टी ने सभी जिलों से नाम मांगने की कवायद भी शुरू कर दी है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी होने के बाद निगम आयोग बोर्ड में समायोजन की कवायद शुरू होगी.
बता दें कि आयोग, निगम और बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियों में 20 से लेकर 50 हजार रुपये महीने तक मानदेय दिया जाता है. जबकि कुछ आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों का मानदेय शासन के प्रमुख सचिव की सैलरी के बराबर भी है. लखनऊ में टाइप-4 और 5 के आवास, वाहन और सुरक्षा गार्ड की सुविधा भी मिलती है. नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत में मनोनीत पार्षदों की संख्या का निर्धारण कुल पार्षदों की संख्या का 10 फीसदी तक होती है.
किसे मिलेगा मौका?
समायोजन के समय लोकसभा चुनाव के दौरान शामिल हुए पूर्व अधिकारी ,दूसरे दल के नेता के अलावा, भाजपा के ही पूर्व विधायक पूर्व सांसद और जिले के कई साल से पार्टी में काम कर रहे निष्ठावान कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा. इसके अलावा लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी समायोजित किया जाएगा. इसके साथ ही नाराज चल रहे कई कार्यकर्ता और नेताओं को भी सामाजिक किया जाएगा. सदस्यता अभियान में भी बेहतर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को भी समायोजित किया जाएगा.