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यूपी बीजेपी को मिलेगा पहला दलित प्रदेश अध्यक्ष? रेस में जौनपुर के इस नेता का नाम सबसे आगे

UP BJP President News:  उत्तर प्रदेश बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. रेस में कई नाम शामिल हैं. चर्चा है कि पहली बार दलित चेहरे को भी कमान सौंपी जा सकती है.

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UP BJP President
UP BJP President
Shailjakant Mishra|Updated: Dec 31, 2024, 12:37 PM IST
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UP BJP President: 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर यूपी में अभी से राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. बीजेपी में मंडल अध्यक्ष के नामों के ऐलान के बाद नजरें यूपी के नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर हैं, जिस पर जनवरी के आखिरी तक मुहर लग सकती है. प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई नामों की चर्चा है. सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार दलित चेहरे को भी उत्तर प्रदेश की कमान सौंप सकती है. शीर्ष स्तर पर इस बार प्रदेश अध्यक्ष के लिए पिछडे और दलित के साथ ही ब्राम्हण चेहरे पर भी चर्चा हुई है.

इन दलित चेहरों के नाम की चर्चा
यूपी में 21 फीसदी दलित वोटरों को साधने के लिए बीजेपी दलित चेहरे को कमान दे सकती है. दलित समाज से आने वाला कोई चेहरा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठा है. दलित चेहरों में पूर्व एमएलसी विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे ऊपर है. इनके अलावा पूर्व सांसद रामशंकर कठेरिया और विनोद सोनकर का नाम भी चर्चा में हैं. जबकि पिछड़े चेहरे के तौर पर अमरपाल मौर्या, बीएल वर्मा, बाबूराम निषाद और ब्राम्हण चेहरे के तौर पर राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा और बसपा से भाजपा में आए हरीश द्विवेदी का  नाम रेस में आगे चल रहा है.

विद्यासागर सोनकर
बीजेपी अध्यक्ष के लिए दलित चेहरे के तौर पर विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे ऊपर है. जौनपुर के सुखीपुर के रहने वाले विद्यासागर पढ़ाई के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और फिर भाजपा के बूथ अध्यक्ष बने. वह अनुसूचित मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. विद्यासागर सोनकर मौजूदा समय में विधान परिषद के सदस्य हैं. दलित वर्ग को साधने के लिए भाजपा विद्या सागर सोनकर के नाम पर मुहर लगा सकती है.

रामशंकर कठेरिया
राम शंकर कठेरिया आगरा की बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर रहे. कम उम्र में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए. दलित उपजाति धानुक समुदायसे आने वाले कठेरिया 2014 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं. इसके अलावा वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी बने. आगरा से वह दो बार सांसद रहे. जबकि 2019 में वह इटावा से सांसद बने थे. लेकिन 2024 में उनको हार का सामना करना पड़ा.

विनोद सोनकर
विनोद सोनकर 2014, 2019 में लगातार दो बार कौशांबी से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. वह मूल रूप से सदियापुर, प्रयागराज के रहने वाले हैं. जीत के साथ पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है. वह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत परामर्श समिति के सदस्य, वाणिज्य पर स्थायी समिति के सदस्य रह चुके हैं. 2017 में वह यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष बने थे. इसके अलावा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और 2020 में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव बने. नवंबर 2020 में पार्टी ने इन्हें त्रिपुरा का प्रभारी बनाया. 18 फरवरी 1970 को जन्मे सोनकर की पढ़ाई प्रयागराज से हुई. सीएवी इंटर कॉलेज से 12वीं और स्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया.

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