Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत में भी सैयद सालार मसूद गाजी के मजार पर होने वाले उर्स पर जिला प्रशासन ने पाबंदी लगा दी है. सदर कोतवाली क्षेत्र में पड़ने वाली बाले मियां की मजार पर सलाना उर्स आज के दिन होता था. सैयद सालार मसूद गाजी के बचपन का नाम बाले मियां था. इसलिए पीलीभीत में बाले मियां के नाम से 300 साल पुरानी मजार है. हर साल यहां उर्स लगता था.
सालाना उर्स पर प्रशासन ने लगाई रोक
इस बार भी फूल मियां ने 24 से 26 मई तक होने वाले उर्स की परमिशन मांगी थी. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी गई. मामले में सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन तोमर ने बताया कि भारत-पाकिस्तान तनाव, वक्फ संशोधन बिल व अन्य संगठनों के विरोध के चलते परमिशन नहीं दी गई है. आज ही के दिन उर्स के साथ सारे कार्यक्रम संपन्न होने थे, लेकिन मुतावल्ली ने मजार पर ताला लगा दिया. फिर भी अकीदतमंद यहां आस्था जताते देखे गए.
सैकड़ों साल पुराना मेले का इतिहास
मजार की देखरेख करने वाले मोहम्मद फारूक का कहना है कि उनकी ओर से परमिशन मांगी गई थी, लेकिन प्रशासनिक महकमे ने परमिशन नहीं दी. मोहम्मद फारूक का कहना है कि दरगाह पर इबादत करने वाले लोग तो आएंगे ही, लेकिन दुकानदार नहीं आएंगे. साथ ही मोहम्मद फारूक ने वाले मियां की मजार को भी सैकड़ों साल पुराना बताया.
बहराइच में भी लगाया गया था प्रतिबंध
बता दें कि पिछले दिनों बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले सालाना उर्स मेले पर शासन ने इस बार प्रतिबंध लगा दिया था. करनैलगंज पुलिस ने बहराइच जाने वाले मार्गों पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी थी. पुलिस व होमगार्ड तैनात रहे और रूट डायवर्जन के कारण यात्रियों को परेशानी हुई थी. प्रशासन ने यह कदम सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया था.
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