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नक्शा पास कराने को नहीं लगाने होंगे नगर निगम के चक्कर, LDA के नियमों में बड़ा बदलाव

मकान-दुकान या अन्य किसी भी तरह के व्यावसायिक संस्थान का नक्शा पास कराने के लिए लोगों को बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती है. नक्शे के लिए उसे विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. कई बार तो रिश्वत भी देनी पड़ती है.

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lucknow nagar nigam
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Zee Media Bureau|Updated: Apr 17, 2025, 01:01 PM IST
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Lucknow Nagar Nigam News in Hindi: लखनऊ. मकानमालिक के लिए घर या दुकान का नक्शा पास कराने किसी जंग जीतने से कम नहीं होता.लेकिन जल्द ही यह दुविधा दूर होने वाली है. लखनऊ नगर निगम ने नक्शा पास कराने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के नियम को बदल दिया है. एलडीए ने इसमें बड़ा बदलाव किया है. 

लखनऊ विकास प्राधिकरण के नए नियमों के अनुसार, नक्शा पास करने के लिए नगर निगम की ओर से एनओसी लेनी नहीं पड़ेगी. LDA उपायुक्त प्रथमेश कुमार ने इसका आदेश जारी किया है. दरअसल, घर बनाने के लिए नक्शा पास कराने के लिए एलडीए अलग-अलग विभागों से एनओसी लेता है. नगर निगम से भी अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है.

भवन निर्माण की अनुमति
नगर निगम जांच करता है कि कहीं जिस जमीन पर भवन निर्माण की अनुमति मांगी जा रही है, वो उसकी तो नहीं नहीं है. हालांकि नगर निगम कर्मी नजूल-सीलिंग जैसी जमीनों की जांच भी दायरे में ले लेते हैं. एनओसी के लिए लोगों को कई महीनों का इंतजार करना पड़ता है. एलडीए वीसी का कहना है कि नगर निगम को हाउस टैक्स, सीलिंग-नजूल आदि मामलों में जांच करने की जरूर नहीं है. नक्शे में हाउस टैक्स की क्या जरूरत है. इन सब वजहों से गृह स्वामी को बार-बार भटकना पड़ता है.

तहसील से ली जाए एनओसी
एलडीए वीसी के अनुसार, ये एनओसी नगर निगम की बजाय तहसील से ली जाएगी. उन्होंने सवाल उठाया कि जब नगर निगम के पास शहर के 86 पुराने मोहल्लों का कोई रिकॉर्ड नहीं है और एलडीए से ही रिपोर्ट लेकर वापस एनओसी देता है. लिहाजा उसकी एनओसी फिर क्यों ली जाए.जिन इलाकों का विस्तार हुआ है, उनकी एनओसी तहसील से ली जाए, क्योंकि उसके पास सीलिंग की भूमि की एनओसी होती है. तहसील के पास पूरे शहर का रिकॉर्ड होता है. 

हालांकि एलडीए ने ये स्पष्ट किया है कि नक्शा पास करने के साथ जो मलबा शुल्क वसूला जाता है, वो नगर निगम पहले की तरह वसूलता रहेगा. उसमें कहीं किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है.

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