Noida News (विजय कुमार): एक छोटी सी चूक लाखों का नुकसान कर सकती है, साइबर ठग हर दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं. जरा सी लापरवाही आपको भी अगला शिकार बना सकती है. नोएडा से एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. इस फ्रॉड केस की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है. जहां अनजाने कॉल पर भरोसा करना शख्स को महंगा पड़ गया और SUV खरीदने की चाह में 5.25 लाख का चूना लगवा बैठा.
कैसे हुआ ठगी का शिकार?
युवक अपनी मनपसंद SUV-700 कार खरीदने की तैयारी में था. उसने गाड़ी की डील के लिए अलग-अलग डीलरों से कोटेशन लेना शुरू किया. एक कॉल आया – दूसरी तरफ था एक व्यक्ति, जिसने खुद को "आशीष" नाम का फाइनेंसर बताया. वह बड़ी आत्मीयता से बात कर रहा था, भरोसे दिला रहा था कि उसे कई डीलरों से जान-पहचान है और वह गाड़ी का लोन भी जल्दी पास करवा सकता है, डिलीवरी भी जल्द हो जाएगी.
फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं मामला
वादे बड़े थे और अंदाज भरोसेमंद. फिर वह शख्स अपने एक साथी के साथ वादी के घर पहुंचा. साथी का नाम "अंकित" बताता है, जबकि उसका असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था. दोनों ने लोन के कागजों के बहाने वादी से तीन चेक ले लिए. एक कैंसिल्ड और दो अन्य, जिनकी राशि 34,265 रुपये थी. लेकिन चेक पर जो स्याही चली, वह थी एक मैजिक पेन की, जो कुछ समय बाद गायब हो जाती है. इसके बाद जो हुआ वह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं था.
शातिर ठगों का जब 'खेल'
इन शातिर ठगों ने वही चेक लिया, मैजिक पेन से किए गए हस्ताक्षरों की जगह खुद ही सेल्फ पे लिखा, अमाउंट बढ़ाकर 5,25,000 रुपये कर दिया और फिर नकली मुहरें और वादी के जाली हस्ताक्षर लगाकर बल्लभगढ़, हरियाणा की एक एसबीआई शाखा से पूरे पैसे निकाल लिए. इतना ही नहीं – उन्होंने गूगल से किसी का आधार कार्ड ढूंढकर उसमें अपनी फोटो मॉर्फ कर ली, फर्जी पहचान से सिम कार्ड लिया और उसी सिम से वादी को कॉल की ताकि वादी को समय पर कुछ पता न चल सके, एयरटेल कस्टमर केयर को कॉल करके उसका नंबर बंद तक करवा दिया.
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
घटना की रिपोर्ट थाना साइबर क्राइम नोएडा में हुई. पुलिस ने स्थानीय इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर 09 अप्रैल 2025 को दोनों आरोपियों – राजीव धींगरा और प्रेम प्रकाश सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद सबूत (मोबाइल फोन, मैजिक पेन आदि) तोड़कर हिंडन नदी में फेंक दिए थे.
इन बातों का रखें ध्यान
- अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें, चाहे सामने वाला खुद को फाइनेंसर ही क्यों न बताए.
- कभी भी किसी दस्तावेज़ पर मैजिक पेन या किसी और के पेन से हस्ताक्षर न करें.
- किसी भी लोन या वित्तीय लेन-देन से पहले पूरी जानकारी लें, हर दस्तावेज को ध्यान से पढ़ें.
- अगर संदेह हो, तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें.
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