trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02677227
Home >>Kaam ki khabar

Liquor Shops: यूपी में शराब की दुकान पाने वाले ध्यान दें, एक गलती की तो आवंटन रद्द, आबकारी विभाग ने दिया अल्टीमेटम

Liquor License Allocation: यूपी में ई-लॉटरी से शराब लाइसेंस आवंटन प्रक्रिया चल रही है. 12 मार्च 2025 तक चयनित आवंटियों को लाइसेंस फीस या चालान की प्रति जमा करनी है. अगर तय समय में दस्तावेज नहीं दिए गए तो आवंटन रद्द हो सकता है. पढ़िए पूरी डिटेल

Advertisement
Liquor License Allocation
Liquor License Allocation
Pooja Singh|Updated: Mar 11, 2025, 02:29 PM IST
Share

Liquor Shop New Excise Policy: यूपी में शराब की दुकानों के लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया में अब पारदर्शिता आएगी. इसके लिए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति के तहत ई-लॉटरी प्रणाली को अपनाया है. इसके पहले चरण में चयनित अंतिम आवंटियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी बेसिक लाइसेंस फीस या उसके जमा होने के प्रमाण संबंधित जिला आबकारी अधिकारी के ऑफिस में 12 मार्च को शाम 4 बजे तक अनिवार्य रूप से जमा करें. साथ ही यह भी समय पर आवंटन प्रक्रिया संपन्न करने के लिए आवंटियों को समयसीमा का पालन होगा. 

ई-लॉटरी प्रणाली 
नई आबकारी नीति 2025-26 के तहत जो ई-लॉटरी प्रणाली शुरू की गई है, उसके जरिए देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं. यह कदम भ्रष्टाचार को कम करने और योग्य आवेदकों को बराबर मौका देने के उद्देश्य से उठाया गया है. 14 फरवरी 2025 से ई-लॉटरी के लिए पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी. आवेदकों को ऑनलाइन पोर्टल https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in/ पर पंजीकरण करना जरूरी था.

आवेदन प्रक्रिया और समय सीमा
पंजीकरण और आवेदन दोनों की अंतिम तिथि 27 फरवरी 2025 को शाम 5 बजे तक थी. इस प्रक्रिया में भारत का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 21 साल से ज्यादा है. वह आवेदन कर सकता है. ई-लॉटरी के पहले चरण में अपनी बेसिक लाइसेंस फीस या लाइसेंस फीस जमा होने के प्रमाण को संबंधित जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में 12 मार्च 2025 को शाम 4 बजे तक जमा करना होगा. प्रमाण के रूप में https://cms.upexciseonline.co पोर्टल पर जमा किए गए चालान या फिर उसकी प्रति को स्वीकार किया जाएगा. तय समय पर दस्तावेज जमा न करने पर आवंटन निरस्त हो सकता है. 

यह भी पढ़ें: UP liquor shops: यूपी में 1 अप्रैल से एक ही जगह बिकेगी बियर-अंग्रेजी शराब, आवंटित हुईं शराब की 25,677 दुकानें

लाइसेंस और प्रोसेसिंग फीस
रिपोर्ट्स की मानें तो लाइसेंस फीस और प्रोसेसिंग फीस को कई श्रेणियों में बांटा गया है, जो क्षेत्र और दुकान के आधार पर अलग-अलग हैं. जैसे- गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, और कानपुर के विकास प्राधिकरण क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में देशी शराब की दुकान के लिए प्रोसेसिंग फीस ₹65,000 है. वहीं, कंपोजिट दुकान के लिए यह ₹90,000 है. ठीक ऐसे ही ग्रामीण क्षेत्रों में देशी शराब की दुकान के लिए प्रोसेसिंग फीस ₹40,000 और कंपोजिट दुकान के लिए ₹55,000 है.

किन बातों का रखें ध्यान?
अगर कंपोजिट दुकान का लाइसेंस चाहिए तो सरकार ने पहली बार कंपोजिट दुकानों का लाइसेंस जारी करने का मन बनाया है, जहां एक ही जगह पर देशी शराब, बीयर, विदेशी शराब और वाइन मिलेगी. वहीं, प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण 25 लाख रुपये वार्षिक फीस लेकर किया जाएगा. कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी दो से ज्यादा लाइसेंस नहीं ले सकेगी. इतना ही नहीं मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की परमिशन नहीं होगी. हालांकि, हवाई अड्डों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों के मुख्य भवन में कोई आपत्ति नहीं होने पर इन दुकानों को परमिशन दी जाएगी.

छोटी बोतलों की बिक्री
पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 90 एमएल की बोतलों की बिक्री की परमिशन दी गई है. वहीं, निजी इस्तेमाल के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से ज्यादा शराब खरीदने, परिवहन करने और रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है. इसके लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11,000 रुपये और सिक्योरिटी राशि 11,000 रुपये होगी. यह लाइसेंस सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो पिछले तीन सालों से लगातार आयकरदाता हैं.

यह भी पढ़ें: Ration Shop License: यूपी में कैसे पाएं राशन की दुकान का लाइसेंस?, ऐसे पा सकते हैं सरकारी कोटा

Read More
{}{}