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Ayodhya News: अयोध्या राम मंदिर मार्ग की हर दीवार सुनाएगी रामायण की कहानी, सीएम योगी का सपना पूरा होगा

लखनऊ। अयोध्या में बन रहा राम मंदिर तो भगवान राम के जन्म से लेकर उनके वनवास के बाद लौटने की कहानी बयां करेगा ही, बल्कि मंदिर मार्ग की हर दीवार भी रामायण काल की एक-एक कहानी का आईना बनेगा. इसके लिए टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल से अयोध्या की दीवारों का रंगरोगन किया जाएगा.

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Ayodhya Ram Mandir
Ayodhya Ram Mandir
Zee Media Bureau|Updated: Dec 08, 2023, 06:35 PM IST
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लखनऊ। अयोध्या में बन रहा राम मंदिर तो भगवान राम के जन्म से लेकर उनके वनवास के बाद लौटने की कहानी बयां करेगा ही, बल्कि मंदिर मार्ग की हर दीवार भी रामायण काल की एक-एक कहानी का आईना बनेगा. इसके लिए टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल से अयोध्या की दीवारों का रंगरोगन किया जाएगा. योगी सरकार इन दीवारों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराएगी.

अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है. इसको लेकर श्रीराम जन्‍म भूमि मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराया जा रहा है. सीएम योगी की मंशा अनुसार, अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने मंदिर मार्गों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजाने की तैयारी में है.इस काम के लिए एजेंसी आवेदन मांगे गए हैं. प्राधिकरण का उद्देश्य अयोध्या शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का है. वो इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से करना चाहता है.

प्राधिकरण ने केंद्र और राज्य सरकार के दृष्टिकोण को लागू करने की योजना को क्रियान्वित करना शुरू कर दिया है. इसके अनुसार वर्ष 2047 तक अयोध्या को विश्व स्तर पर आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने का है. अयोध्या में पुल, सड़क, हाईवे के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार हो रहा है. इससे यह शहर प्राचीनता व आधुनिकता का जीवंत मिश्रण बन सके.

धर्म पथ समेत प्रमुख मार्गों पर स्थापित होंगी कलाकृतियां
प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों और भित्तिचित्रों की डिजाइन, निर्माण और स्थापना के साथ-साथ अयोध्या की विरासत को संरक्षित करने का प्रयास है. धर्म पथ पर सड़क किनारे टेराकोटा भित्तिचित्रों के निर्माण से आध्यात्मिक शांति की तलाश में बड़ी संख्या में आए तीर्थयात्रियों और यात्रियों को दिव्य अनुभव होगा. ये भित्ति चित्र यानी दीवार पर बने चित्र पौराणिक किंवदंतियों, महाकाव्यों और कहानियों का वर्णन करेंगे. ये भित्तिचित्र तीर्थयात्रियों के लिए मार्गदर्शक का काम भी करेंगे. ये शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही ओपन एयर गैलरी के तौर पर भी कार्य करेंगे.

9 फीट ऊंचाई और 20 फीट चौड़ी कलाकृतियां
टेराकोटा भित्तिचित्र पहल ऐतिहासिक सिटी सर्किट और हेरिटेज वॉक की एडीए की रणनीति के अनुरूप है. यह परियोजना सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने और अयोध्या को वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के एडीए के लक्ष्य में सीधे योगदान देगी. यहां बनने वाले 50 से ज्यादा म्यूरल स्कल्प्चर्स व भित्ति चित्र पेंटिंग्स की ऊंचाई 9 फीट और चौड़ाई 20 फीट होगी. इनकी थीम अलग-अलग रामायण कांड पर आधारित होगी. इन्हें महीन मिट्टी (केवल नदी तल की फाइन क्ले) का उपयोग होगा। संक्षारण से बचने के लिए कलाकृतियों के निर्माण के लिए चयनित मिट्टी यूरिया और नमक से मुक्त होगी। वहीं, कलाकृतियों की बेकिंग को 970-1050-डिग्री तापमान पर पकाया जाएगा। भित्तिचित्रों का उभार 8 इंच होगा तथा प्रत्येक भाग, टुकड़े और ब्लॉक को पॉलिमर मोर्टार द्वारा दीवार पर लगाया जाएगा जिन पर वेदर कोटिंग वाले पेंट ही लगाए जाएंगे.

वशिष्ठ कुंज पर तेजी से हो रहा काम
अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले कई परियोजनाओं की पूर्ति पर तेजी से काम हो रहा है। इसमें वशिष्ठ कुंज में रेजिडेंशियल हॉलिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए डेवलपमेंट एजेंसी के चयन, मल्टी कलर्ड आउटडोर नियोन लाइट्स की स्थापना समेत शहर भर में अयोध्या के लोगो को लगाने के लिए एजेंसी के निर्धारण की प्रक्रिया पर भी तेजी से कार्य हो रहा है.

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