Varanasi Latest News in Hindi: उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड के कब्जे वाली संपत्तियों के सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही हैं. लखनऊ, वाराणसी, मथुरा समेत तमाम जिलों में सैकड़ों हजारों करोड़ रुपये की जमीनों पर मस्जिदें-मजार और अन्य धार्मिक ढांचे खड़े कर लिए गए हैं. वाराणसी में तो सर्किट हाउस, डीएम ऑफिस आदि की बेशकीमती जमीनों पर भी वक्फ बोर्ड का कब्जा है. 400 ऐसी सरकारी संपत्तियां हैं, जिन पर वक्फ बोर्ड का दावा है. इनमें से करीब सौ पर मस्जिद मजार और अन्य धार्मिक स्थल बना लिए गए. जिला प्रशासन ने सरकार को इस बाबत रिपोर्ट भेज दी है.
वक्फ बोर्ड का दावा है कि वाराणसी में वक्फ बोर्ड की 1637 संपत्तियां हैं. इनमें 1537 सुन्नी बोर्ड और 100 संपत्ति शिया बोर्ड की संपत्ति के तौर पर दर्ज हैं. तहसील और नगर निगम ने इन जमीनों का सर्वेक्षण किया है. इनमें 406 सरकारी संपत्तियों का रिकॉर्ड मिला है, जो उत्तर प्रदेश सरकार की हैं.सर्किट हाउस, कलेक्ट्रेट को भी नहीं छोड़ा है.
उत्तर प्रदेश के सर्वे से पता चला है कि वक्फ बोर्ड के पास 78 प्रतिशत जमीनें सरकार की हैं. वाराणसी में भी जिला प्रशासन ने वक्फ बोर्ड के कब्जे वाली संपत्तियों की सर्वे रिपोर्ट शासन को भेज दिया है. वक्फ की लगभग 25 फीसदी जमीनें सरकार की है. उन पर गैरकानूनी तरीके से वक्फ का नाम दर्ज है.
1637 जमीनें वक्फ बोर्ड के नाम
बनारस में 1637 जमीनें वक़्फ़ बोर्ड के नाम से हैं, जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपये है. 1537 जमीनें सुन्नी समुदाय और 100 भूमि के हिस्से शिया समुदाय के पास हैं. इन 1637 जमीनों में 406 जमीन सरकारी संपत्तियां हैं. इस पर वक्फ बोर्ड ने अपना कब्ज़ा किया हुआ है. सरकारी जमीन पर कब्रिस्तान है. यह रिपोर्ट वाराणसी जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शासन स्तर पर भेज दी गई हैं.
वाराणसी वक्फ बोर्ड का दावा
ज्ञानवापी मामले के पैरोकार मुख़्तार ने कहा कि रिपोर्ट गलत तरीके से बनाया गया है. निश्चित ही सरकार की तरफ से 78% वक्फ प्रॉपर्टी के सरकारी संपत्ति होने का जो दावा किया गया है, उसका कुछ आधार होगा. रिपोर्ट शासन की भेज दी गई है. शासन के निर्देश आने के बाद कारवाई की जाएगी. वाराणसी में भी वक्फ बोर्ड ने 406 जमीनों पर कब्जे की बात नकारी है.
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