trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02800981
Home >>वाराणसी

विवादों में फंसे मोरारी बापू! पत्नी के निधन के दो दिन बाद ही काशी में कथा सुनाने पहुंचे, संतों ने लिया निशाने पर

Morari Bapur Ramkatha in Kashi: प्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू की काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन और नौ दिवसीय कथा पर विवाद शुरू हो गया है. अखिल भारतीय संत समिति ने मोरारी बापू को निशाने पर लिया है.

Advertisement
विवादों में फंसे मोरारी बापू! पत्नी के निधन के दो दिन बाद ही काशी में कथा सुनाने पहुंचे, संतों ने लिया निशाने पर
Zee Media Bureau|Updated: Jun 14, 2025, 11:44 PM IST
Share

दिनेश कुमार मिश्रा/वाराणसी: प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू शनिवार को काशी में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के वाचन के लिए पहुंचे. कथा सुनाने का कार्यक्रम शाम 4 बजे से शुरू हुआ. इससे पहले मोरारी बापू ने काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन किये. उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम की दिव्यता और भव्यता की भूरी-भूरी प्रशंसा की. वहीं उनके अनुयायियों ने फूलों की बारिश कर और जयकारे लगाकर उनका काशी में स्वागत किया.  

कहां और कब तक कथा कार्यक्रम
काशी के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में मोरारी बापू की श्रीराम कथा का वाचन 14 जून से 22 जून तक होना तय हुआ था. मोदी सरकार के ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित होकर आयोजकों ने मोरारी बापू की इस रामकथा को 'मानस सिंदूर' का नाम दिया है. मगर वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन और कथावाचन कार्यक्रम को लेकर मोरारी बाबू विवादों  में घिर गए हैं. 

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, संतों ने लिया निशाने पर
धर्म पत्नी के निधन के बाद कथा और विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन को लेकर लोगों द्वारा सोशल मीडिया बहस के साथ अखिल भारतीय संत समिति ने भी उन्हें निशाने पर ले लिया है. संतों को कहना है कि सूतक के समय राम कथा कहना घोर निंदनीय है.अखिल भारतीय संत समिति का कहना है कि पत्नी के निधन के बाद सूतक काल में दर्शन पूजन और धार्मिक कार्य वर्जित हैं.

बता दें कि मोरारी बापू की पत्नी का 3 दिन पहले ही देहांत हुआ जिसके कारण सूतक लगा हुआ है. बावजूद इसके काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करने और व्यास पीठ पर बैठकर कथा करने को लेकर काशी के विद्वानों ने विरोध शुरू कर दिया है. BHU के प्रोफेसर और काशी के विद्वानों का कहना है कि मोरारी बापू सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं. सूतक काल के बावजूद बाबा विश्वनाथ के पवित्र धाम में दर्शन करना, व्यास पीठ की गद्दी पर बैठकर भगवान राम का कथा करना दोनों धर्म के विरुद्ध है

इससे पहले भी मुरारी बापू पर मणिकर्णिका घाट में धर्मशास्त्र के विपरीत शादी कराने एवं व्यासपीठ पर भोजन करने का आरोप लग चुका है.

लोगों ने मोरारी बापू पर लगाया लालच का आरोप
बनारस के मशहूर अस्सी के पप्पू की चाय की अड़ी पर काशी वासियों ने जी मीडिया से बातचीत में कहा कि मोरारी बापू पैसे के लालच में ये सब कर रहे हैं. इससे बनारस की संस्कृति, सभ्यता और सनातन धर्म को काफी नुकसान हो रहा है. उनका कहना है कि ऐसे लालची ढोंगी लोगों का विरोध होना चाहिए और बनारस में इनके कार्यक्रम बंद किए जाने चाहिए.

ये भी पढ़ें: वाराणसी में आज से मोरारी बापू की मानस सिंदूर कथा, 22 जून तक तक होगा आयोजन, कथा से पहले किये काशी विश्वनाथ के दर्शन

सूतक काल में दर्शन-पूजन और कथा पर मोरारी बापू का जवाब
सूतक काल में दर्शन-पूजन और मानस कथा पर मोरारी बापू ने जवाब दिया है. मोरारी बापू का कहना है कि,हम वैष्णव परंपरा से हैं. हम वैष्णव साधु हैं. इसलिए हम पर यह नियम लागू नहीं होता. हम न क्रिया करते हैं और ना उत्तर क्रिया करते हैं. मोरारी बापू का मानना है कि भगवान का भजन करना कथा करना इसमें सुकून है ना कि सूतक.  सूतक काल में विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के जवाब में मुरारी बापू बोले- "हम तो देखो दर्शन करके आए हैं."

Read More
{}{}