वाराणसी/(दिनेश मिश्रा): पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा पाने के लिए लोगों ने इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख किया है. लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या बैकअप की आती है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों में बड़ी समस्या का हल तलाश लिया है. गाड़ियों में लिथियम बैटरी का बेहतर विकल्प में टेंपरेचर सोडियम आयन बैटरी तैयार किया है. यह बैटरी एक बार चार्ज होने पर एक हज़ार से ज़्यादा किलोमीटर तक गाड़ियों की चलने की क्षमता रखेगी.
BHU ने शुरू किया ट्रायल
बीएचयू ने फ़िलहाल दो पहिया वाहन पर इसका ट्रायल शुरू कर दिया है. पहले चरण में बैटरी से बेहतर परिणाम मिल रहे हैं. विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर और उनके टीम में शामिल शोध छात्र व छात्राओं ने इसके विकल्प को तैयार किया है. इसे तैयार करने के बाद इसे फिलहाल साइकिल पर अटैच कर चेक किया जा रहा है. अभी तक की इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों ने बैटरी के बैकअप की समस्या है, लेकिन इस तकनीक ने टेंपरेचर सोडियम आयन बैटरी को तैयार किया है.
हजार किलोमीटर सफर कराएगी बैटरी
इसको तैयार करने के लिए औद्योगिक कचरे में मिलने वाले सल्फर का मदद लिया गया है जो लिथियम और बैटरी की तुलना में बेहतर है. विभाग ने अभी क्वाइन सिलेंडर तैयार किया है. जिसे एक बार चार्ज करने पर पचपन किलोमीटर तक साइकल चल रही है, जब पूरा प्रोजेक्ट तैयार होगा और बड़े रूप में बैटरी बनाया जाएगा तो लगभग हज़ार किलोमीटर तक यह बैटरी सफ़र तय करवाएगी.
दो साल में प्रोजेक्ट पूरा करने का टारगेट
इस शोध को अनुसंधान और विकास के लिए ऊर्जा मंत्रालय की कंपनी सेंट्रल पावर ऑफ रिसर्च इंस्टीट्यूट बेंगलुरु से एमओयू किया गया है. दो वर्ष में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके बाद इस बैटरी का बल्क में उत्पादन कर उपलब्ध कराया जाएगा.