Dhananjay Singh Case Court Decision: जौनपुर से पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी मामले में दोषी करार दिया गया है. जौनपुर कोर्ट ने आज बुधवार को धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई और 50 हजार का जुर्माना भी लगाया. धनंजय सिंह के साथ उनके साथी संतोष विक्रम को भी सजा सुनाई गई. सजा के सुनाए जाने के बाद धनंजय का राजनीतिक करियर भी खत्म होता नजर आ रहा है. वह अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
इन धाराओं में दर्ज है मुकदमा
जौनपुर कोर्ट के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. दोपहर 12 बजे के बाद धनंजय सिंह को अभिरक्षा में कोर्ट लाया गया. जहां उनके साथ उनके साथी संतोष विक्रम को सजा सुनाई गई. जी मीडिया से बातचीत के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि धनंजय सिंह पर धारा 364, 386, 504, 120 बी के तहत साल 2020 में मामला दर्ज किया गया है, सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में न्यूनतम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.
हाईकोर्ट में अपील की तैयारी
हालांकि जानकारी के मुताबिक धनंजय सिंह इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में जाएंगे. धनन्जय सिंह के पक्ष ने पूरी तैयारी कर रखी है. लंच के बाद सजा का ऐलान होगा और उसके बाद धनंजय का पक्ष उच्च अदालत में अपील करेगा.
जानिए क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर निवासी जौनपुर के नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी मांगने व अन्य धाराओं में धनंजय सिंह व उनके साथी संतोष विक्रम पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया. वहां धनंजय सिंह वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाए. इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी.
कोर्ट ने दिया था दोषी करार
इस मामले में धनन्जय पहले जेल गए और जमानत पर छूट भी गए और पीड़ित ने अपने आरोप से किनारा भी कर लिया था लेकिन कोर्ट में मामला जारी था. कल अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने इन्हें दोषी करार दिया है और आज सजा सुनाई जाने वाली है.
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