आलोक त्रिपाठी/गाजीपुर: गाजीपुर जिले के राजस्व विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों को बनाने का बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. फर्जी बीपीएल आय प्रमाणपत्रों के आधार पर आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिला प्रशासन की जांच में पाया गया कि कई अभ्यर्थियों ने फर्जी आय और जाति प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल कर ली. डीएम ने बड़ा एक्शन लेते हुए 10 लेखपालों को सस्पेंड किया है.
आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा
14 लोगों ने अपनी आय 46 हजार रुपये से कम दिखाकर बीपीएल श्रेणी में शामिल होने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया था. इनमें से कुछ अभ्यर्थियों के पति या पिता पहले से ही सरकारी नौकरी में थे, जिससे उनकी वास्तविक आय कहीं ज्यादा थी. मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के स्टेनो राधेश्याम यादव की विवाहिता बेटी पूजा यादव का नाम भी इस सूची में शामिल है, जिनके पति सरकारी शिक्षक हैं. उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर आंगनबाड़ी में नौकरी पा ली थी और बाद में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया.
10 लेखपालों पर गिरी गाज
इस मामले में सीडीओ ने जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा था, जिसपर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने जांच में दोषी पाए गए 10 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और एक लेखपाल पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. जिलाधिकारी, गाजीपुर ने कहा कि जांच अभी जारी है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे और कठोर कार्रवाई होगी. बताया कि गाजीपुर कि जखनियां तहसील के एक कंप्यूटर ऑपरेटर ने गलत तरीके से स्थानांतरित लेखपालों की आईडी का उपयोग करते हुए प्रमाणपत्र जारी कर दिया है, जिसकी शिकायत मिली है, इन सब पर कार्रवाई हुई है.
अकेले जखनियां तहसील में बने हजारों फर्जी प्रमाण पत्र
शिकायत के बाद जांच में पाया गया है कि अकेले जखनियां तहसील में बीआरसी ऑपरेटर ने 9680 प्रमाणपत्र जारी कर दिया है, जिसमें 5849 आय, 1966 लोगों को जाति और 1865 लोगों का गलत ढंग से निवास प्रमाण पत्र बनाया गया है, जिसमें तहसील कैंटीन लेखपालों की आईडी का गलत इस्तेमाल कर फर्जी ढंग से प्रमाणपत्र बना दिया गया है, जिसकी शिकायत के बाद जांच में पोल खुली है जिसके बाद एसडीएम जखनियां ने बीआरसी ऑपरेटर पर एफआईआर दर्ज कराई है.
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