Ghazipur News/आलोक त्रिपाठी: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब यह खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच चुका है. रविवार शाम 5 बजे तक गंगा का जलस्तर 63.070 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 63.105 मीटर है. हर घंटे करीब 0.5 सेमी की दर से जलस्तर में वृद्धि हो रही है. ऐसे में प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है.
449 गांव बाढ़ से प्रभावित
एडीएम प्रशासन दिनेश कुमार ने बाढ़ को लेकर बुलेटिन जारी किया है. जानकारी के मुताबिक, जिले की सात तहसीलों में से पांच तहसीलों सदर, मोहम्मदाबाद, जमानिया, सेवराई और सैदपुर के 449 गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं, जिनमें 80 गांव गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं.
नावें, शेल्टर होम और आपदा मित्र तैनात
प्रशासन ने अब तक 160 बाढ़ चौकियां और 44 शेल्टर होम स्थापित किए हैं. राहत और बचाव के लिए 300 से अधिक नावें तैनात की गई हैं, जबकि 500 से ज्यादा आपदा मित्रों को सक्रिय किया गया है. तटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी एसडीएम को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं.
किसानों और पशुपालकों की बढ़ी मुश्किलें
गंगा का पानी तेजी से गांवों की ओर बढ़ रहा है, जिससे सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं. किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है, और पशुपालकों को चारे की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. कई ग्रामीण सड़कों पर पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है. सब्जी की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं और आधा दर्जन गांवों में हालात बेहद गंभीर हैं.
प्रशासन की कोशिश जारी
हालात को देखते हुए प्रशासन हरकत में आ गया है, लेकिन गंगा का रुख फिलहाल कहर बनकर सामने आ रहा है. प्रशासन का फोकस है कि लोगों का नुकसान कम से कम हो, और समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.
गंगा की रफ्तार थमी नहीं तो स्थिति और बिगड़ सकती है. प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है.
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