Govinda Latest News: 90 के दशक के सुपरस्टार गोविंदा इन दिनों अपनी शादीशुदा जिंदगी को लेकर चर्चा में हैं. खबरें हैं कि शादी के 37 साल बाद उनकी पत्नी सुनीता आहूजा ने उन्हें तलाक का नोटिस भेजा है. इस खबर के बाद लोग गोविंदा की निजी जिंदगी और उनके परिवार के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए हैं.
गोविंदा का नाम आते ही उनकी फिल्मों की यादें ताजा हो जाती हैं. 90 के दशक में उनका जलवा बॉक्स ऑफिस पर इस कदर था कि फिल्म कोई भी हो, कहानी कैसी भी हो, लेकिन गोविंदा की मौजूदगी ही उसे हिट बना देती थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बॉलीवुड सुपरस्टार का संबंध वाराणसी (बनारस) से भी रहा है ? खासकर उनकी मां, जो अपने समय की जानी-मानी गायिका और अभिनेत्री थीं.
बनारस से ताल्लुक रखती थीं गोविंदा की मां
गोविंदा की मां निर्मला देवी भारतीय क्लासिकल म्यूजिक से जुड़ी हुई थीं. उनका जन्म 7 जून 1927 को वाराणसी (बनारस) में हुआ था. दिलचस्प बात यह है कि जन्म से उनका नाम नजमा था और वे मुस्लिम परिवार से थीं. बाद में उन्होंने धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपना लिया और साध्वी बन गईं.
पटियाला घराने के उस्ताद से संगीत शिक्षा
बनारस के प्रसिद्ध तबला वादक वासुदेव जी के घर वर्ष 1927 में निर्मला देवी पैदा हुई थीं. उन्होंने सात साल की उम्र में पटियाला घराने के उस्ताद अब्दुल रहमान खां से संगीत शिक्षा ली. फिर नजमा उर्फ निर्मला देवी मुंबई में फिल्मों में काम करने का सोचा. उस वक्त कई गायिकाओं ने सिनेमा जगत में किस्मत आजमाई. निर्मला देवी ने 20 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनकी फिल्म अभिनेता अरुण कुमार आहूजा के साथ जोड़ी हिट हुई, जो उनके जीवनसाथी भी बने. चालीस करोड़, सवेरा, शारदा, गाली और जन्माष्टमी जैसी फिल्में यादगार रहीं.लेकिन अरुण आहूजा की अचानक मौत ने उनकी मां को हिला दिया. निर्मला देवी के संगीत में उस्ताद बड़े गुलाम अली खां और उस्ताद अमीर खां की छाप भी दिखती थी. बावर्ची फिल्म में में मन्ना डे और किशोर कुमार के साथ उनका गाया गाना 'भोर आई गया अंधियारा' काफी हिट रहा.
धर्म परिवर्तन और बॉलीवुड से नाता
1941 में, निर्मला देवी ने बॉलीवुड अभिनेता अरुण कुमार आहूजा से शादी की और शादी के बाद हिंदू धर्म अपना लिया. इसके बाद उन्होंने अपना नाम नजमा से बदलकर निर्मला देवी रखा. वे अपने जमाने की मशहूर क्लासिकल सिंगर थीं और उनके सुरों की गूंज बनारस से मुंबई तक थी.
मां के बेहद करीब थे गोविंदा
गोविंदा अपने माता-पिता की छठी संतान थे. कहा जाता है कि उनकी मां आध्यात्म में गहरी रुचि रखती थीं और उन्होंने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी भी कर दी थी. 15 जून 1996 को मुंबई में उनका निधन हुआ. गोविंदा अक्सर अपनी मां को याद करते हुए इमोशनल हो जाते हैं. उनके अनुसार, जो कुछ भी उन्होंने सीखा, वो अपनी मां की वजह से ही था. आज भी वे घर से निकलने से पहले उनकी तस्वीर के दर्शन करते हैं.
गोविंदा की जिंदगी में इस वक्त निजी उतार-चढ़ाव चल रहे हैं, लेकिन उनके करियर और परिवार से जुड़े अनसुने किस्से हमेशा लोगों की दिलचस्पी बनाए रखते हैं. उन्होंने मां-बाप के अलावा परिवार में 11 लोगों को असमय खोया है.
गोविंदा के कितने भाई-बहन
गोविंदा के बड़े भाई कीर्ति कुमार ने कई फिल्मों का निर्देशन किया. जबकि उनकी तीन बहनें पद्या शर्मा, पुष्पा आनंद और कामिनी खन्ना थीं, बदकिस्मती से वो तीनों अब इस दुनिया में नहीं हैं.वो गोविंदा के भांजे कृष्णा अभिषेक और आरती सिंह की मां थी. कैंसर ने उनकी जान ले ली.गोविंदा की बड़ी बहन पुष्पा आनंद ने म्यूजिशियन रवि आनंद से शादी की थी. पुष्पा और रवि आनंद के बेटे विनय आनंद भोजपुरी फिल्मों में काम करते थे. गोविंदा की तीनों बहनें और जीजा की मौत हो गई. गोविंदा ने ही अपनी भांजी-भांजियों को पाला-पोसा. गोविंदा की बहन कामिनी खन्ना स्टोव फटने से 70 फीसदी तक जल गई थीं.उनका लंबे इलाज का खर्च भी गोविंदा ने उठाया. गोविंदा के बेटी टीना आहूजा और एक बेटा यशवर्धन आहूजा है.
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