Jaunpur Hindi News: जौनपुर में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती ने किसानों और आमजन की परेशानियों को चरम पर पहुंचा दिया है. खेतों में पंपसेट और ट्यूबवेल बंद पड़े हैं, जिससे धान की नर्सरी डालने और रोपाई जैसे अहम कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. उमस और गर्मी से त्रस्त लोग रातें जागकर काट रहे हैं, वहीं प्रशासन की उदासीनता पर अब जनाक्रोश भी फूटने लगा है.
हिसं सुइथाकला के अनुसार, क्षेत्र में लगातार दो दिन से बिजली की आंखमिचौली जारी है. 33 केवीए उपकेंद्र सुइथाकला और गुड़बड़ी फीडर पर बार-बार आपूर्ति बाधित हो रही है. इसका सबसे बुरा असर खेतों में धान की नर्सरी डालने पर पड़ रहा है.
हिसं मुफ्तीगंज के अनुसार, बिजली कटौती के कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. उमस भरी गर्मी में न तो पंखे और कूलर चल पा रहे हैं, न ही लोग मोबाइल चार्ज कर पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि दिन में बमुश्किल दो घंटे बिजली मिलती है, वह भी लो वोल्टेज के कारण किसी काम की नहीं होती. बिजली विभाग की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.
बरईपार में बिजली कटौती को लेकर प्रदर्शन
मछलीशहर तहसील के बरईपार और कान्हापुर फीडर पर महीनों से हो रही लगातार विद्युत कटौती से ऊबकर मंगलवार को बरईपार बाजार के लोगों ने मछलीशहर जेई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों का कहना है कि बरईपार फीडर की 11 हजार वोल्ट की लाइन कई दशक पुरानी है, जो अक्सर टूटकर गिर जाती है. फाल्ट के नाम पर लाइनमैन घंटों सेटडाउन लेते हैं, जिससे दिन में भी बिजली टिक नहीं पाती.
एसडीओ ने बताई तकनीकी समस्या
मामले पर मछलीशहर के एसडीओ ने बताया कि समस्या ओवरलोड की है. इस संबंध में शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है. बजट मिलने के बाद ही समाधान संभव है.
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