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पूर्वांचल के सबसे बड़े बाजार दालमंडी पर मंडराया बुलडोजर संकट, 6 मस्जिद और 10 हजार दुकानों पर लाल निशान, मचा हाहाकार

Varanasi News: पूर्वांचल के सबसे बड़े मार्केट के नाम से जानी जाने वाली दालमंडी को प्रशासन तोड़ने की तैयारी में जुट गई है. जिसमें करीब 6 मस्जिदें और 10 हजार दुकानों को तोड़ा जाएगा. आइए जानते हैं इसको लेकर स्थानीय दुकानदारों ने क्या कहा?    

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dalmandi bazar
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 26, 2025, 04:09 PM IST
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Varanasi News/जयपाल: वाराणसी की नई सड़क स्थित दालमंडी इलाका, जो पूर्वांचल के सबसे बड़े थोक बाजारों में गिना जाता है, अब एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहा है. योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत यहां की सकरी गलियों को चौड़ा करने की योजना बनाई गई है. इस परियोजना में लगभग 220 करोड़ रुपये की लागत से 650 मीटर लंबी और 17.5 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के चौक तक जाएगी.

कारोबारियों में मचा हड़कंप
दालमंडी में हर दिन करोड़ों रुपये का व्यापार होता है. यह इलाका न सिर्फ वाराणसी, बल्कि पूर्वांचल के कई जिलों के व्यापारियों के लिए थोक बाजार का केंद्र है. लेकिन सड़क चौड़ीकरण के प्रस्ताव ने यहां के हजारों दुकानदारों की नींद उड़ा दी है. व्यापारियों ने ZEE मीडिया से बातचीत में बताया कि उनका पूरा परिवार डरा और सहमा हुआ है.खाना तक ठीक से नहीं खा पा रहे हैं. सबसे बड़ी चिंता दुकान टूटने की है.

छह मस्जिदें आ रहीं हैं परियोजना की जद में
1. मस्जिद मिर्जा करीमुल्लाह बेग
2. मस्जिद संगमरमर
3. मस्जिद अली रजा खान
4. मस्जिद निसारन
5. मस्जिद रंगीले शाह
6. मस्जिद लंगड़े हाफिज
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि ये मस्जिदें तोड़ी जाती हैं तो वे नमाज कहां पढ़ेंगे, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

प्रशासन ने तेज की कार्रवाई
जिला प्रशासन ने नई सड़क से चौक तक के पूरे रास्ते से अतिक्रमण हटवा दिया है. पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी मकानों और दुकानों की नपाई कर रहे हैं और चिन्हित निर्माणों को तोड़ने की तैयारी में जुटे हैं. पूरे इलाके में पुलिस की सख्त निगरानी है और सायरन बजाते हुए गाड़ियां गश्त कर रही हैं.

क्या कहती है स्थानीय जनता?
दालमंडी की गलियों में चार-चार पीढ़ियों से बसे व्यापारी अब खुद को उजड़ते हुए देख रहे हैं. लोगों का कहना है कि विकास जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही उनके रोजगार और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा भी होनी चाहिए. फिलहाल, प्रशासन और व्यापारियों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है.

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