Sonbhadra Hindi News/अरविन्द दुबे: उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल सोनभद्र जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. तंत्र-मंत्र और तिलिस्मी पूजा की आड़ में मासूम आदिवासी बच्चियों की खरीद-फरोख्त की जा रही थी. वो भी किसी धनवर्षा कराने वाले कथित 'तांत्रिक अनुष्ठान' के लिए. पुलिस ने इस भयानक साजिश का खुलासा करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि पूरे गिरोह की तलाश जारी है.
कैसे हुआ खुलासा?
पूरा मामला तब सामने आया जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक आरोपी लड़कियों को ले जाने की 'कीमत' तय करता दिखा. वीडियो के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गुप्त सूचना के जरिये दो लोगों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी एक तांत्रिक अनुष्ठान की तैयारी में थे, जिसके जरिए वे 'धनवर्षा' कराने की योजना बना रहे थे. इसके लिए उन्हें खास कद-काठी की लड़कियों की तलाश थी. लंबाई 5 फीट 6 इंच हो और शरीर पर कोई गोदना (टैटू) न हो. इन शर्तो पर खरी उतरने वाली लड़कियों के बदले उन्हें 10 लाख रुपए तक का इनाम देने का झांसा भी दिया जा रहा था.
गांव-गांव जाकर फैलाई जा रही थी तिलिस्मी पूजा की बात
गिरोह के सदस्य गांव-गांव जाकर भोले-भाले लोगों को झूठे तांत्रिक सपने दिखा रहे थे कि पूजा से पैसा पैदा होगा, समृद्धि आएगी. इसी लालच में वे लोगों को फंसा रहे थे और मासूम बच्चियों को ‘बलि’ जैसी स्थिति में धकेलने की तैयारी कर रहे थे. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा है और अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने यह भी कहा कि अंधविश्वास की आड़ में बेटियों की बलि जैसी साजिश किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
समाज को झकझोर देने वाला मामला
यह मामला केवल एक आपराधिक गतिविधि नहीं, बल्कि समाज में फैले अंधविश्वास और लालच के जहरीले मेल का आईना है. 21वीं सदी में भी ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर कर रही हैं कि शिक्षा और जागरूकता के अभाव में कमजोर तबके आज भी कैसे शिकार बन रहे हैं. इस खुलासे के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है. लोग पूछ रहे हैं. क्या बेटियां अब भी तंत्र-मंत्र की आड़ में बेची जाएंगी? क्या अंधविश्वास की दुकानें ऐसे ही चलती रहेंगी?
प्रशासन के लिए चुनौती
यह घटना प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चेतावनी है. जरूरत सिर्फ आरोपियों को पकड़ने की नहीं, बल्कि इस कुप्रथा की जड़ों को खत्म करने की है. गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि कोई भी बेटी लालच और अंधविश्वास की बलि न चढ़े.
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