Azadi ka Amrit Mahotsav 2022: यह कहानी है वीर क्रांतिकारी सूर्य सेन की, जो पेशे से एक गणित के शिक्षक थे, सूर्य सेन का जन्म 22 मार्च 1894 को चटगांव में हुआ था. चटगांव पहले बंगाल में एक जगह थी, अब बांग्लादेश में है. सूर्य सेन शुरूआत से क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थे. जब वे ग्रेजुएशन कर रहे थे. तब ही वे इलाके के सबसे बड़े क्रांतिकारी संगठन युगांतर समूह के मेंबर बन गए थे. 1918 में पढ़ाई पूरी होने के बाद सूर्य सेन चटगांव के नंदन कानन इलाके के एक स्कूल में गणित पढ़ाने लगे थे. यहीं उन्हें "मास्टर दा" नाम मिला. हालांकि क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी. इस वीर क्रांतिकारी की पूरी कहानी जानने के लिए देखें वीडियो.....
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