मेरठ के पांच गांव बनेंगे शहर!, स्‍पोर्ट्स स्‍टेडियम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और बहुत कुछ

Amitesh Pandey
Apr 26, 2025

Sports Stadium and Shopping Complex in Meerut Village

मेरठ के पांच गांव हाईटेक होने जा रहे हैं. इन गांवों में स्‍पोर्ट्स स्‍टेडियम बनेंगे. साथ ही शॉपिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स, हॉस्‍टल जैसी सुविधाएं होंगी.

मेरठ के पांच गांव

इन गांवों के लोगों को दूर दराज नहीं जाना होगा. गांव में ही सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.

योगी सरकार की सौगात

यूपी सरकार भी इन गांवों को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन अवार्ड के तहत धनराशि प्रदान कर रही है.

स्‍पोर्ट्स स्‍टेडियम भी

इससे स्पोर्ट्स स्टेडियम, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्टल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

मुख्‍यमंत्री पंचायत प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार

पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि 5 गांवों को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है.

मेरठ के ये पांच गांव

जिन पांच गांवों का चयन किया गया है, उसमें नगला गोसाई, सेतुकुआं, सिकंदरपुर, मवीपुरा और लालसाना हैं.

नगला गोसाई गांव

पंचायत राज अधिकारी के मुताबिक, नगला गोसाई गांव के विकास के लिए सरकार 35 लाख रुपये दिए गए हैं.

सिकंदरपुर गांव

वहीं, सेतुकुआं गांव को 30 लाख रुपये, सिकंदरपुर को 20 लाख रुपये मवीपुरा को 15 लाख रुपये दिए गए हैं.

लालसाना गांव

मेरठ के लालसाना गांव को 10 लाख रुपये यूपी सरकार की ओर से दिए गए हैं. इन राशि से गांवों का विकास होगा.

शॉपिंग मॉल भी बनेगा

इन पांचों गांवों में स्पोर्ट्स स्टेडियम, शॉपिंग मॉल, हॉस्टल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. ताकि क्षेत्र का विकास हो सके.

शूटिंग रेंज

पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि नगला गोसाई की ग्राम प्रधान ने गांव में शूटिंग रेंज विकसित की है.

लाइब्रेरी बनाई गई

यहां गांव के बच्‍चे शूटिंग की गतिविधियों में हिस्‍सा लेते हैं. इसके अलावा सेतुकुआं गांव में प्रधान ने एक लाइब्रेरी बनाई है.

ऑर्गेनिक खेती

वहीं, सिकंदरपुर गांव में घर-घर ऑर्गेनिक सब्जी और फल की खेती की जा रही है. इससे गांव को अच्छी कमाई होती है.

आय बढ़ाना मकसद

इसी तरह, ललसाना और अन्य गांवों में भी बेहतरीन कार्य किए गए हैं. इसका मकसद गांव के लोगों की आय बढ़ाना है.

6 महीने का कार्यकाल बचा

बताया गया कि इन गांवों में काम शुरू कर दिया गया है. प्रधानों के पास केवल 6 महीने का समय बचा है.

तेजी से चल रहा काम

इस अवधि में उन्हें इस धनराशि से विकास कार्य पूरे करने हैं. इन गांवों में तेजी से काम चल रहा है.

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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