नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी जिले में देवा क्षेत्र के नई बस्ती घेरी से करीब दो दर्जन युवक काम की तलाश में इजराइल गए थे. इन दिनों इजराइल और ईरान के बीच छिड़े युद्ध के कारण वहां रह रहे श्रमिकों के परिजन बेहद चिंतित हैं. सोमवार को उनके घरों पर पहुंच गया, जहां परिजनों ने वीडियो कॉल के जरिए अपने से बातचीत की.
वीडियो कॉल पर शख्स ने बताया मंजर
वीडियो कॉल पर इजराइल में रह रहे मोनू सिंह ने बताया कि वह जिस इलाके में रह रहे हैं, वहां लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं. जब भी कोई बम या मिसाइल इधर आती है सायरन बजता है और सभी को तुरंत बंकर में जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इजराइल का सुरक्षा कवच बहुत मज़बूत है, अधिकतर मिसाइलें हवा में ही नष्ट कर दी जाती हैं इसलिए डर कम महसूस होता है. मोनू सिंह करीब 11 महीने पहले इजराइल गए थे.
खतरे के बावजूद सुरक्षित महसूस कर रहे
इसी तरह इजराइल में रह रहे बबलू सिंह से जब वीडियो कॉल पर बात हुई तो उसी वक्त वहां सायरन बजने लगा. कॉल के दौरान उन्होंने बाहर का नजारा दिखाए जहां दूर-दूर तक सन्नाटा दिख रहा था. बबलू ने बताया कि सायरन बजते ही सभी लोग बंकरों में चले जाते हैं जहां खाने-पीने की व्यवस्था मौजूद है. उन्होंने कहा कि खतरे के बावजूद इजराइल की तैयारी के कारण वे सुरक्षित महसूस करते हैं. बबलू करीब 14 महीने पहले इजराइल गए थे.
लगातार संपर्क में परिजन
परिजनों ने बताया कि युद्ध की खबरें और वीडियो आने के बाद से वे लगातार अपने से संपर्क में हैं, लेकिन बातचीत के दौरान ही सायरन की आवाज सुनकर दिल कांप उठता है. बाराबंकी में बबलू सिंह के भाई सबलू सिंह ने बताया कि इजराइल सरकार सबको बंकरों में सुरक्षित रख रही है, खाने-पीने की भी कोई कमी नहीं है, इसलिए फिलहाल डर की बात नहीं है.
करीब 500 श्रमिक इजरायल गए
जानकारी के अनुसार बाराबंकी जिले से पिछले साल करीब 500 से अधिक श्रमिक इजराइल गए थे, जिनमें अधिकांश लोग देवा व जिले के अन्य इलाकों से हैं. सभी भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं और इजरायली सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि युद्ध के कारण इजराइल के कारखानों में काम बंद है और अधिकतर लोग बंकरों में शरण लिए हुए हैं.