Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की जानकारी लेते हुए राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आईटी पार्क देहरादून पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की और रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए.
रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटनास्थल पर तुरंत पहुंच सुनिश्चित करने को कहा और पास के हेलीपैड को तुरंत एक्टिव करने के निर्देश दिए, जिससे राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके. उन्होंने ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी और रेस्क्यू अभियान को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जरूरत पड़ने पर घायलों को एयर एंबुलेंस के जरिए एम्स ऋषिकेश लाया जाए. साथ ही, जिला प्रशासन से लगातार समन्वय बनाए रखने और प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश भी दिए.
हिमस्खलन प्रभावितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायुसेना और अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण हेलीकॉप्टर का संचालन फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन स्नो एक्सपर्ट्स की सेवाएं ली जा रही हैं. आईटीबीपी की विशेष टीमें लगातार कार्य कर रही हैं. अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि शेष 25 लोगों को बचाने का अभियान जारी है.
उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है. प्रभावित लोगों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में है और प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री से भी बातचीत हो रही है.
उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू अभियान में यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी. अब तक 10 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लगातार बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, लेकिन मौसम में सुधार के साथ रेस्क्यू कार्य और तेज किया जाएगा. सभी राहत दलों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया है, और माणा हेलीपैड को भी सक्रिय किया जा रहा है. एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और गोपेश्वर जिला अस्पताल को भी तैयार रखा गया है.
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली पूरी जानकारी
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली.
जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन के अंतर्गत बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे. तुरंत आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं.
मुख्यमंत्री ने किया आश्वस्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा.
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