Tunnel Collapses in Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में पिछले 10 दिनों से मजदूर फंसे हुए हैं. उनको निकालने के लिए चलाये जा रहे रेस्क्यू मिशन का आज 11वां दिन है. हालांकि, बचाव कार्य को लेकर अब तक केंद्रीय एजेंसियों, शासन-प्रशासन को निराशा ही हाथ लगी है. उनके द्वारा किए गए तमाम प्रयास विफल रहे हैं. इस बीच टनल में फंसे मजदूरों की उनके परिजनों से बात करवाई जा रही है, जिससे उनको हिम्मत और धैर्य मिल सके. इस बीच टनल में फंसे पुष्कर सिंह से उनके भाई ने बातचीत की.
भेजी जा रही खाद्य सामग्री
टनल में फंसे पुष्कर सिंह येरी से उनके भाई विक्रम सिंह येरी ने फोन पर बात की. विक्रम सिंह ने कहा कि उनकी अपने भाई से बात हुई है. फोन पर उन्होंने कहा कि मैं ठीक हूं. आप लोग घर जाओ. मैं आ जाऊंगा. पाइप के माध्यम से फल और अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई थी. उन्होंने फोन चार्ज करने के लिए एक मोबाइल चार्जर मांगा है.
फोन चार्जर ला देना
विक्रम सिंह ने कहा कि उनकी मंगलवार शाम को भाई से बात हुई थी. उन्होंने फोन पर बताया कि बाहर काम कैसा चल रहा है. अंदर लाइट की पर्याप्त व्यवस्था है. फोन के लिए चार्जर लेकर आना, इसलिए आज चार्जर लेकर आया हूं. जब उनसे बात होगी तो दे दूंगा.
रास्ता तैयार
वहीं, टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) ने पिछले 48 घंटे में सिल्कयारा टनल से लेकर पहाड़ की चोटी पर वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए जगह बनाने तक का रास्ता तैयार किया है. संगठन द्वारा भारी मशीन को टनल के ऊपर पहुंचाने के लिए रास्ता तैयार किया गया है.
पीएम ने ली जानकारी
इससे पहले टनल हादसे को लेकर राहत और बचाव कार्यों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों के लिए भोजन, दवाइयां, अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली. वहीं, सीएम धामी ने प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स और प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया.
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