यूपी के कौशांबी जिले के गौराय गांव के रहने वाले 104 साल के लखन सरोज ने आखिरकार 48 वर्षों की कानूनी लड़ाई में न्याय प्राप्त किया है. उन्हें 48 साल पहले गांव के एक झगड़े में हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था. 1982 में सेशन कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यह मामला लखन के लिए एक कठिन संघर्ष बन गया था.हत्या के केस में जेल में बंद 104 साल के लखन को बेगुनाह साबित करने के लिए 4 बेटियों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. 48 साल बाद वे पिता को न्याय दिलाने में कामयाब हो पाईं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके पिता को बाइज्जत बरी कर दिया.
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