Waqf Bill 2024: आज 12 बजे वक्फ संशोधित बिल लोकसभा पेश किया जाएगा. बिल को पास कराने के लिए आज 8 घंटे तक चर्चा होगी. साथ ही गुरुवार यानी कल इस बिल पर राज्यसभा में भी 8 घंटों के समय तय किया गया है. हालांकि विपक्ष भी इस बिल खिलाफ है और दोनों दिन संसद के अंदर हंगामा देखने को मिलना तय है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बाद चार सबसे बड़ी पार्टियों तेलुगुदेशम पार्टी (TDP), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), शिवसेना और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)- ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सरकार के रुख का समर्थन करने को कहा है.
हालांकि सूत्रों ने बताया कि भाजपा के कुछ सहयोगी दल बिल में और बदलाव की मांग कर रहे हैं. भाजपा के एक सहयोगी दल के सीनियर सदस्य ने उम्मीद जताई कि भाजपा उनके विचारों को ध्यान में रखेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी कुछ चिंताओं का निदान संसद की संयुक्त समिति ने किया है और NDA इस मुद्दे पर एकजुट रहेगा. हालांकि इस मुद्दे पर गतिरोध से कोई खास फर्क नहीं पड़ता दिख रहा क्योंकि लोकसभा में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पक्ष में संख्याबल है.
#BreakingNews : मौलाना बरेलवी का समर्थन का ऐलान, 'बिल से मुस्लिमों को खतरा नहीं, गलत अफवाह फैलाई जा रही..'#WaqfAmendmentBill #BJP #WaqfBoard | @Chandans_live @pratyushkkhare pic.twitter.com/xDgnMunxSP
— Zee News (@ZeeNews) April 2, 2025
लोकसभा में एनडीए का गठबंधन 293 सांसदों के साथ बहुमत से काफी आगे है. राज्यसभा में भी एनडीए के पास 126 सदस्य हैं, जो बहुमत से अधिक हैं. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक TDP, जदयू और चिराग पासवान नीत लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसे भाजपा के बड़े सहयोगी दलों ने शुरू में बिल के कुछ पहलुओं पर आपत्ति जताई, लेकिन संसद की संयुक्त समिति के जरिए उनके कुछ सुझावों को अपनाये जाने के बाद वे बिल का समर्थन कर सकते हैं.
इसके अलावा जनसेना ने भी बिल का समर्थन करने का फैसला किया. पार्टी ने एक बयान में कहा कि वह मानती है कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय को ‘लाभ’ पहुंचाएगा. जनसेना ने विज्ञप्ति में कहा,'जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने लोकसभा में पार्टी सांसदों को निर्देश जारी कर संसद में विधेयक के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया है.' लोकसभा में जनसेना के दो सांसद हैं. जनसेना आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ राजग का हिस्सा है, जिसमें तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और भारतीय जनता पार्टी भी शामिल हैं.
लोकसभा: विधेयक पास करने के लिए भाजपा को लोकसभा में 272 वोटों के साधारण बहुमत की आवश्यकता है. 542 सांसदों में से 240 भाजपा के सांसद हैं, 12 जेडी(यू) के हैं, 16 टीडीपी के हैं, पांच एलजेपी (आरवी) के हैं, दो राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के हैं और सात शिवसेना के हैं. अगर एनडीए एकजुट रहता है, तो बिल पास हो जाएगा.
राज्यसभा: राज्यसभा में एनडीए के पास 125 सांसद हैं. 98 भाजपा के, चार जेडी(यू), दो टीडीपी, तीन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, एक शिवसेना और एक आरएलडी का.
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि उनकी आवाज को सुना नहीं जा रहा. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल चर्चा के लिए और ज्यादा समय की मांग कर रहे थे और चाहते थे कि सदन में मणिपुर की हालत और मतदाता पहचान पत्र से जुड़े विवाद जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो. इसके अलावा रीजीजू ने कहा कि कई दल चार से छह घंटे की चर्चा चाहते थे, वहीं विपक्षी दलों के सदस्य 12 घंटे की चर्चा कराने पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि सदन की भावना के मुताबक इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है.
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