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Waqf Bill: 'वक्फ बिल जंगल कानूनों से भी ज्यादा खतरनाक, मस्जिद और मदरसों को...', उलेमा बोर्ड ने और क्या कहा?

Ulema Board on Waqf Bill: हसनी ने यह भी दावा किया कि सभी ‘‘काले कानून’’ अंधेरे की आड़ में पारित किए जाते हैं. हसनी ने कहा, 'आप वक्फ (संशोधन) विधेयक को काला कानून, जंगल कानून या इनसे भी ज्यादा खतरनाक कह सकते हैं.' उन्होंने 'काले कानून' और 'जंगल कानून' के बारे में विस्तार से नहीं बताया. 

Waqf Bill: 'वक्फ बिल जंगल कानूनों से भी ज्यादा खतरनाक, मस्जिद और मदरसों को...', उलेमा बोर्ड ने और क्या कहा?
Rachit Kumar|Updated: Apr 05, 2025, 09:04 PM IST
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Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुका है. राष्ट्रपति की मुहर लगते ही यह कानून की शक्ल ले लेगा. लेकिन इसे लेकर पूरे देश में सियासी घमासान शुरू हो चुका है. कई नेता और राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं. अब ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने वक्फ बिल को पूर्ववर्ती 'काले कानूनों' या 'जंगल कानूनों' से भी ज्यादा खतरनाक बताया है.

'खतरे में इस्लामी संपत्तियां'

उलेमा बोर्ड ने दावा किया कि यह मस्जिदों और मदरसों जैसी इस्लामी संपत्तियों को खतरे में डालता है. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अल्लामा बानी नईम हसनी ने शनिवार को मुंबई में कहा कि नए बिल में बड़ी मुश्किल यह है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी वक्फ संपत्ति पर दावा करता है तो कोई अन्य सरकारी कर्मचारी इस मामले पर फैसला करेगा. यह दावा करते हुए कि सरकारी कर्मचारी के लिए फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती.

 हसनी ने कहा कि यह बिल मस्जिदों, मदरसों और आश्रय गृहों जैसी वक्फ संपत्तियों के अस्तित्व को खतरे में डालता है. उन्होंने दावा किया कि इस तरह से सभी इस्लामी संपत्तियां नष्ट हो जाएंगी. उन्होंने यह भी दावा किया कि यहां तक ​​कि सिख, ईसाई और अन्य समुदायों की संपत्तियों का भी भविष्य में ऐसा ही हश्र होगा. उन्होंने कहा, 'यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है, बल्कि न्याय का मामला है.'

'अंधेरे की आड़ में पारित किए जाते हैं काले कानून'

हसनी ने यह भी दावा किया कि सभी ‘‘काले कानून’’ अंधेरे की आड़ में पारित किए जाते हैं. हसनी ने कहा, 'आप वक्फ (संशोधन) विधेयक को काला कानून, जंगल कानून या इनसे भी ज्यादा खतरनाक कह सकते हैं.' उन्होंने 'काले कानून' और 'जंगल कानून' के बारे में विस्तार से नहीं बताया. अपने भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए हसनी ने कहा कि वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों ने विधेयक का विरोध करने वाले ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी सांसदों का स्वागत किया है, खास तौर से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) का.

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