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सोनिया की NAC में कोई OBC था क्या? नौकरशाही में पिछड़ा गिन रहे राहुल गांधी की पार्टी को मोदी का करारा जवाब

PM Modi Loksabha Speech: लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष और कांग्रेस को जमकर धोया. उन्होंने कांग्रेस की पीढ़ी दर पीढ़ी गलतियों की लिस्ट तैयार कर दी. हर मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया.

सोनिया की NAC में कोई OBC था क्या? नौकरशाही में पिछड़ा गिन रहे राहुल गांधी की पार्टी को मोदी का करारा जवाब
Gunateet Ojha|Updated: Feb 05, 2024, 08:38 PM IST
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PM Modi Loksabha Speech: लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष और कांग्रेस को जमकर धोया. उन्होंने कांग्रेस की पीढ़ी दर पीढ़ी गलतियों की लिस्ट तैयार कर दी. हर मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया. भाषण के दौरान उन्होंने कांग्रेस द्वारा पिछड़ों के विकास को लेकर भाजपा को घेरने का भी काउंटर किया. उन्होंने ओबीसी को लेकर यूपीए सरकार की याद दिलाई और सोनिया गांधी के NAC की कलई खोल दी. उन्होंने सवाल किया कि सोनिया गांधी की NAC में कोई OBC था क्या?

सोनिया की NAC कब अस्तित्व में आई?

पहले आपको NAC के बारे में बताते हैं. मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तब भारत की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) 4 जून 2004 को अस्तित्व में आई. इस परिषद का उद्देश्य पीएम मनमोहन को सलाह देना था. सोनिया गांधी यूपीए के शासनकाल में लंबे समय तक इसकी अध्यक्ष रहीं. इसका उद्देश्य मिशनों और लक्ष्यों को प्राप्त करने और निगरानी करने में प्रधानमंत्री की मदद करना था.

कई बार हुई आलोचना

एनएसी को कई बार विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा. विपक्ष ने कहा था कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है. एनएसी पर लोकतंत्र के विचार को खत्म करने का भी आरोप लगा. 2011 में सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए इसे कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. एनएसी पर प्रधानमंत्री पद की शक्तियों का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगा. 2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आई तो परिषद का अस्तित्व समाप्त हो गया.

पीएम मोदी ने क्यों किया एनएसी का जिक्र?

अब बात करते हैं पीएम मोदी के भाषण की जिसमें उन्होंने एनएसी का जिक्र कर ओबीसी का मुद्दा उठाया. कांग्रेस और राहुल गांधी कई बार नौकरशाही में ओबीसी की गिनती पर भाजपा पर सवाल खड़े करते रहे हैं. पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर धन्यवाद ज्ञापित करने के बाद कांग्रेस से ही सवाल पूछ लिया कि नौकरशाही में पिछड़ा गिन रही कांग्रेस पहले ये बताए कि यूपीए सरकार में गठित एनएसी में कितने ओबीसी थे. 

एनएसी में कोई ओबीसी नहीं?

एनएसी (राष्ट्रीय सलाहकार परिषद) 14 सदस्यों का पैनल था. इसमें पूर्व नौकरशाहों, नागरिक समाज के लोगों, शिक्षाविदों और वकीलों को चुना जाता था. भारत के प्रधानमंत्री कैबिनेट मंत्रियों के सहयोग से सदस्यों का चयन करते थे. उनका काम सरकारी कानूनों के निर्माण में सहायता करना था. तमाम रिकॉर्ड्स को खंगालने के बाद यह कहा जा सकता है कि एनएसी में कभी किसी ओबीसी सदस्य की नियुक्ति नहीं हुई.

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