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VIDEO: इनपुट था इस गुफा में छिपते हैं आतंकवादी, सेना ने दागा रॉकेट; बटन दबाते ही बन गई कब्र

Jammu Kashmir news: जम्मू प्रांत के किश्तवाड़ (Kishtwar) समेत 7 अन्य जिले सुरक्षा चुनौती बन गए हैं. जम्मू में सुरक्षाबलों ने हालात अपने पक्ष में किए हैं. सेना-सुरक्षाबलों को जिस तरह कामयाबी मिल रही है, उससे लगता है कि आने वाले कुछ महीनो में जम्मू पहले की तरह आतंकवाद से मुक्त यानी टेरर फ्री जोन हो जाएगा.

VIDEO: इनपुट था इस गुफा में छिपते हैं आतंकवादी, सेना ने दागा रॉकेट; बटन दबाते ही बन गई कब्र
Shwetank Ratnamber|Updated: Aug 11, 2025, 06:04 PM IST
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Kishtwar Cave Blown Up: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के किश्तवाड़ जिले में सेना और सुरक्षाबलों ने फिल्मी अंदाज में एक पहाड़ी गुफा को रॉकेट से निशाना दागकर उड़ा दिया. उस गुफा में आतंकवादियों की मौजूदगी का इनपुट मिलने के बाद रविवार सुबह सैन्य अभियान शुरु हुआ. इसके बाद रुक-रुककर भारी गोलीबारी हुई और धमाके सुनाई देते रहे. इस गुफा के बारे में अनुमान लगाया जा रहा था कि इसका इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा छिपने के लिए किया जाता है. गुफा के द्वार पर बड़े विस्फोटों के बाद आग और धुएं का गुबार उठा. हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि आतंकवादियों के खिलाफ हुए एक्शन में कोई आतंकवादी मारा गया या नहीं.

7 जिलों को न्यूट्रिलाइज करना बाकी

पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आए आतंकवादियों ने बीते 15 महीनों से अपना फोकस कश्मीर के बजाए जम्मू रीजन में किया है. उसके बाद से ही किश्तवाड़ समेत सात अन्य जिले जम्मू क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं. ये इलाका 2021 तक आतंकवाद से मुक्त था. अब ये कुछ बड़े आतंकी हमलों और मुठभेड़ों का हॉटस्पॉट बना है.

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ऑपरेशन अखल जारी

एक ओर जहां सुरक्षा बल किश्तवाड़ के पहाड़ों में आतंकवादियों को खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुलगाम जिले के अखल के जंगलों में सैकड़ों सैनिक सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक में लगे हुए हैं. लंबी चली मुठभेड़ का यह 11वां दिन है. घने जंगल क्षेत्र में अच्छी तरह से जमे हुए प्रतीत होने वाले आतंकवादियों द्वारा ग्रेनेड दागे जाने के बाद हुई मुठभेड़ में शनिवार को भारतीय सेना के 2 जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए.

FAQ

सवाल- क्या है ऑपरेशन अखल?

जवाब- अखल में ऑपरेशन 1 अगस्त को शुरू किया गया था. शुरुआती गोलीबारी में एक स्थानीय आतंकवादी मारा गया, लेकिन जैसे-जैसे मुठभेड़ वन क्षेत्र में फैल गई, सुरक्षा बलों के लिए चीजें मुश्किल होती गईं. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान अब तक 10 सुरक्षा बल के जवान घायल हुए हैं. भारी गोलीबारी और कभी-कभार हुए विस्फोटों के बीच, अखल के घने अल्पाइन जंगलों में लक्षित क्षेत्रों पर ड्रोन भी विस्फोटक गिराते देखे गए.

सवाल- जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात?
जवाब-
कश्मीर में बीते पांच सालों में आतंकवाद पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है. सैन्य बलों पर पथराव की घटनाएं शून्य हो चुकी हैं. आतंकवादियों को यहां नए आतंकी आसानी से नहीं मिल रहे हैं. दूसरी ओर जम्मू रीजन में जिस तरह मई, 2024 से लेकर अगस्त, 2025 तक आतंकवादियों की मौजूदगी और हमले दोनों तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में अब सेना और सुरक्षाबलों का फोकस चूहे की तरह बिल में छिपे आतंकवादियों को एक-एक आतंकी को ढूंढ ढूंढ कर मारने पर है.

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