Kishtwar Cave Blown Up: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के किश्तवाड़ जिले में सेना और सुरक्षाबलों ने फिल्मी अंदाज में एक पहाड़ी गुफा को रॉकेट से निशाना दागकर उड़ा दिया. उस गुफा में आतंकवादियों की मौजूदगी का इनपुट मिलने के बाद रविवार सुबह सैन्य अभियान शुरु हुआ. इसके बाद रुक-रुककर भारी गोलीबारी हुई और धमाके सुनाई देते रहे. इस गुफा के बारे में अनुमान लगाया जा रहा था कि इसका इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा छिपने के लिए किया जाता है. गुफा के द्वार पर बड़े विस्फोटों के बाद आग और धुएं का गुबार उठा. हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि आतंकवादियों के खिलाफ हुए एक्शन में कोई आतंकवादी मारा गया या नहीं.
7 जिलों को न्यूट्रिलाइज करना बाकी
पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आए आतंकवादियों ने बीते 15 महीनों से अपना फोकस कश्मीर के बजाए जम्मू रीजन में किया है. उसके बाद से ही किश्तवाड़ समेत सात अन्य जिले जम्मू क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं. ये इलाका 2021 तक आतंकवाद से मुक्त था. अब ये कुछ बड़े आतंकी हमलों और मुठभेड़ों का हॉटस्पॉट बना है.
| Security forces have destroyed a cave believed to be hiding terrorists during an ongoing counter-insurgency operation in the Dul forest area of Kishtwar district, Jammu and Kashmir. The search operation is still underway.#JammuKashmir | #Jammu | #Kashmir | #Kishtwar pic.twitter.com/rs9LOaWK0Q
— United News of India (@uniindianews) August 11, 2025
ऑपरेशन अखल जारी
एक ओर जहां सुरक्षा बल किश्तवाड़ के पहाड़ों में आतंकवादियों को खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुलगाम जिले के अखल के जंगलों में सैकड़ों सैनिक सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक में लगे हुए हैं. लंबी चली मुठभेड़ का यह 11वां दिन है. घने जंगल क्षेत्र में अच्छी तरह से जमे हुए प्रतीत होने वाले आतंकवादियों द्वारा ग्रेनेड दागे जाने के बाद हुई मुठभेड़ में शनिवार को भारतीय सेना के 2 जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए.
FAQ
सवाल- क्या है ऑपरेशन अखल?
जवाब- अखल में ऑपरेशन 1 अगस्त को शुरू किया गया था. शुरुआती गोलीबारी में एक स्थानीय आतंकवादी मारा गया, लेकिन जैसे-जैसे मुठभेड़ वन क्षेत्र में फैल गई, सुरक्षा बलों के लिए चीजें मुश्किल होती गईं. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान अब तक 10 सुरक्षा बल के जवान घायल हुए हैं. भारी गोलीबारी और कभी-कभार हुए विस्फोटों के बीच, अखल के घने अल्पाइन जंगलों में लक्षित क्षेत्रों पर ड्रोन भी विस्फोटक गिराते देखे गए.
सवाल- जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात?
जवाब- कश्मीर में बीते पांच सालों में आतंकवाद पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है. सैन्य बलों पर पथराव की घटनाएं शून्य हो चुकी हैं. आतंकवादियों को यहां नए आतंकी आसानी से नहीं मिल रहे हैं. दूसरी ओर जम्मू रीजन में जिस तरह मई, 2024 से लेकर अगस्त, 2025 तक आतंकवादियों की मौजूदगी और हमले दोनों तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में अब सेना और सुरक्षाबलों का फोकस चूहे की तरह बिल में छिपे आतंकवादियों को एक-एक आतंकी को ढूंढ ढूंढ कर मारने पर है.
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