trendingNow12705546
Hindi News >>देश
Advertisement

हे भगवान! अप्रैल के पहले हफ्ते में ही तपने लगा शरीर, मई-जून में क्या होगा?

Indian Weather: अप्रैल की शुरुआत में ही जब गर्मी इस कदर सता रही है तो मई-जून में हालात क्या होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार तापमान 45-48 डिग्री तक जा सकता है. खासकर उत्तर भारत में स्थिति और बिगड़ सकती है.

हे भगवान! अप्रैल के पहले हफ्ते में ही तपने लगा शरीर, मई-जून में क्या होगा?
Gaurav Pandey|Updated: Apr 04, 2025, 02:19 PM IST
Share

Heatwave in India: देखते ही देखते आखिर में गर्मी का मौसम आ गया लेकिन भारत में अप्रैल का पहला हफ्ता शुरू होते ही मौसम ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. इस बार देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान तेजी से बढ़ रहा है और गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इस बार अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है. की यह क्लाइमेट चेंज है या कुछ और कि अप्रैल के पहले हफ्ते में ही शरीर तपने लगा है तो मई जून में क्या होन वाला है. 

मई-जून में 10-12 दिन तक हीटवेव?
असल में उत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप खास तौर पर देखने को मिल रहा है. दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में तापमान 38-40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. मौसम विभाग ने क्लियर चेतावनी दी है कि उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों और मध्य भारत में मई-जून में 10-12 दिन तक हीटवेव चल सकती है जिसमें तापमान 44 डिग्री से भी ऊपर जा सकता है. दिल्ली में तो लोग अभी से धूप से बचने के लिए छाते और पानी की बोतल साथ रखने को मजबूर हैं.

दक्षिण भारत में मौसम का मिजाज मिला-जुला
हालांकि उधर दक्षिण भारत में मौसम का मिजाज मिला-जुला है. कर्नाटक तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में गर्मी ने जोर पकड़ा है जहां तापमान 35-38 डिग्री के आसपास बना हुआ है. लेकिन केरल और दक्षिणी कर्नाटक में 2-3 अप्रैल को हल्की से मध्यम बारिश ने लोगों को थोड़ी राहत दी है. IMD के मुताबिक इन इलाकों में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि की भी संभावना है लेकिन गर्मी का असर फिर भी कम नहीं होगा.

तो मई-जून में हालात क्या होंगे
अप्रैल की शुरुआत में ही जब गर्मी इस कदर सता रही है तो मई-जून में हालात क्या होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार तापमान 45-48 डिग्री तक जा सकता है. खासकर उत्तर भारत में स्थिति और बिगड़ सकती है. हीटवेव के दिनों की संख्या बढ़ने से लोगों को सेहत और रोजमर्रा के कामों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में अभी से सावधानी बरतना जरूरी है वरना गर्मी का यह तांडव मुश्किलें बढ़ाएगा.

क्या ये क्लाइमेट चेंज है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ दशकों में मानवीय गतिविधियों का अत्यधिक उपयोग हुआ है. इसमें जंगलों की कटाई और ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में भारी इजाफा शामिल है. कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी गैसें वातावरण में गर्मी को रोक रही हैं जिससे वैश्विक तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. भारत जैसे देश टी पहले से ही गर्म जलवायु वाले हैं. शायद इसीलिए इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

क्यों इस बार गर्मी पहले पड़ रही..
वैसे भारत में इस बार गर्मी का पहले आना भी जलवायु परिवर्तन का ही नतीजा है. एक्क्सपर्ट का कहना है कि मौसम के पैटर्न में बदलाव के कारण गर्म हवाओं का प्रवाह पहले शुरू हो गया है. एल नीनो प्रभाव और समुद्री सतह के तापमान में वृद्धि ने भी इस साल गर्मी को बढ़ाने में भूमिका निभाई है. इसके अलावा शहरीकरण और कंक्रीट के जंगलों ने स्थानीय तापमान को और बढ़ा दिया है जिसके चलते अप्रैल में ही गर्मी अपने चरम पर पहुंचने लगी है. सांकेतिक फोटो

Read More
{}{}