West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने मंगलवार को बीजेपी विधायकों को सदन की कार्यवाही से जुड़े दस्तावेज न देने का आदेश दिया. यह फैसला तब आया जब बीजेपी विधायकों ने राज्य में मंदिरों पर हुए कथित हमलों को लेकर सदन की कार्यवाही स्थगित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया. इसके विरोध में बीजेपी विधायकों ने सदन के दस्तावेज फाड़ दिए और वॉकआउट कर दिया.
स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि बीजेपी विधायकों ने पहले भी सदन की कार्यवाही से जुड़े दस्तावेज फाड़े हैं, इसलिए अब उन्हें ये कागजात नहीं दिए जाएंगे. इस फैसले पर विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारतीय संविधान के इतिहास की दुर्लभ घटना बताया. उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र खतरे में है और विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है. बीजेपी विधायकों ने इस फैसले के खिलाफ बुधवार को विधानसभा के बाहर बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
साथ ही अध्यक्ष ने बच्चों से संबंधित एक विधेयक पेश करने के भाजपा विधायकों के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया. बनर्जी ने आरोप लगाया कि पहले भी BJP विधायकों ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन की कार्यवाही के दस्तावेज फाड़े थे. उन्होंने सदन के सचिव से कहा, ‘उन्हें (भाजपा विधायकों को) विधानसभा की कार्यवाही से संबंधित कागजात न दें.’
BJP ने बताया सबसे दुर्लभ घटना
इस बीच, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बनर्जी के फैसले को ‘भारतीय संविधान में सबसे दुर्लभ घटना’ बताया. उन्होंने कहा, ‘विधानसभा के अंदर भी लोकतंत्र नहीं है. विपक्ष की बात नहीं सुनी जा रही है. तृणमूल कांग्रेस सरकार हर काम जबरदस्ती करने की कोशिश कर रही है. भाजपा विधायकों का सदन से बाहर जाना इसी के विरोध में है.’
सुवेंदु अधिकारी हो चुके हैं सस्पेंड
वहीं, अधिकारी को बजट सेशन के दौरान अध्यक्ष के आसन का कथित रूप से अपमान करने के आरोप में 18 मार्च तक विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया था. अधिकारी ने यह भी कहा कि बीजेपी विधायक बुधवार को विधानसभा के सामने बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे. ( भाषा इनपुट के साथ ).
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