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Bakrid 2025: भारत में बकरीद और मुस्लिम देशों में ईद उल अजहा क्‍यों कहा जाता है?

Bakrid और Eid Ul Adha नाम को लेकर अक्‍सर भ्रम हो जाता है. एक तो इनका उच्‍चारण भिन्‍न है और अर्थ भी अलग प्रतीत होता है.

Bakrid 2025: भारत में बकरीद और मुस्लिम देशों में ईद उल अजहा क्‍यों कहा जाता है?
Pramod Sharma|Updated: Jun 07, 2025, 06:24 AM IST
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Bakrid Vs Eid al-Adha: भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में आज (7 जून) बकरीद यानी ईद-उल-अजहा मनाई जा रही है. बकरीद और ईद उल अजहा नाम को लेकर अक्‍सर भ्रम हो जाता है. एक तो इनका उच्‍चारण भिन्‍न है और अर्थ भी अलग प्रतीत होता है. इस बारे में इस्‍लामिक मामलों के जानकार मोहम्मद अनीस अहमद कासमी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में बकरीद शब्‍द प्रचलित है, लेकिन इस्लामिक देशों में ईद उल अजहा कहा जाता है. अरबी में बकर का मतलब गाय-बैल होता है. कुर्बानी का सिलसिला ऐसे शुरू हुआ कि हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बान किया था. जिसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ.

क्या इको-फ्रेंडली बकरीद है संभव?

नाम को लेकर भ्रम एक मसला है तो वहीं दूसरी तरफ तमाम संगठनों की तरफ से ईको-फ्रेंडली बकरीद मनाए जाने की अपील की जा रही है. इस पर ZEE NEWS ने मुस्लिमों से बात की. इस बारे में कई मुस्लिमों का कहना है कि सरकार की सभी गाइडलाइंस का पालन करेंगे, लेकिन इको-फ्रेंडली हमारे धर्म में नहीं होता. हमारे धर्म में कुर्बानी होती है. सरकार की गाइडलाइंस को हम लोग मानते हैं. प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी नहीं देंगे. कुर्बानी हमारे धर्म में सदियों की परंपरा है.

कई लोगों का ये भी कहना है कि कुर्बानी हमेशा जिंदा चीज की दी जाती है इसलिए ईको-फ्रेंडली बकरीद संभव नहीं है. मुसलमानों ने कहा कि जिन लोगों ने ईको-फ्रेंडली बकरीद के लिए बकरे बनाए हैं उनकी कुर्बानी संभव नहीं है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि ईको-फ्रेंडली बकरा बेजान होते हैं. मुर्दे होते हैं. और मुर्दों की कुर्बानी संभव नहीं है. जिसमें जान होती है उसी की कुर्बानी दी जाती है. इस्लाम में ईको-फ्रेंडली बकरा ईद मनाने जैसी अक्ल लगाने की कोई जगह नहीं है.

बकरीद को लेकर राज्य सरकारें अलर्ट, सोशल मीडिया पर सख्त नजर

बकरीद के मद्देनजर देश के विभिन्न शहरों में पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गए हैं. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही, प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी और सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी को लेकर सख्ती बरती जा रही है. दिल्ली सरकार ने बकरीद को लेकर सख्त एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर पूर्ण रोक रहेगी. इसके साथ ही सड़कों, गलियों और खुले स्थलों पर कुर्बानी नहीं की जा सकेगी, केवल अधिकृत स्थानों पर ही इसकी अनुमति होगी. सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर नजर रखते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
(इनपुट: आईएएनएस)

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