Asaduddin Owaisi attack Bilawal Bhutto: एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर जमकर हमला बोला है और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में दिए गए उनके बयान को मूर्खतापूर्ण बताया है. बता दें कि जरदारी ने बयान में पाकिस्तान और देश की खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग का आह्वान किया था. ओवैसी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बिलावल भुट्टो को याद दिलाया कि 26/11 मुंबई हमले और पठानकोट हमलों के बाद दोनों देशों की एजेंसियों के बीच बातचीत के बाद क्या हुआ था.
बिलावट भुट्टो ने क्या कहा था?
भारत के साथ हाल ही में हुए संघर्ष के बाद वैश्विक कूटनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए अमेरिका में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे बिलावल भुट्टो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों पड़ोसियों की खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग से दक्षिण एशिया में आतंकवाद में काफी कमी आ सकती है.
क्या आपको याद नहीं, आपकी मां बेनजीर को किसने मारा...
ओवैसी ने बिलावल के बयान पर कहा कि 26/11 और पठानकोट के बाद क्या हुआ. आपने सभी आतंकवादियों को पुरस्कृत किया और बचाया तथा (जकीउर रहमान) लखवी को जेल में बैठे-बैठे बेटे का पिता बनने का अवसर दिया. उन्होंने बिलावल भुट्टो को याद दिलाया कि उनकी मां बेनजीर भुट्टो खुद आतंकवाद की शिकार थीं.
उन्होंने कहा कि जिस संयुक्त राष्ट्र में उन्होंने बात की, उसी ने विभिन्न देशों के राजनयिकों की एक टीम जांच के लिए पाकिस्तान भेजी थी और उन्होंने कहा कि उनकी हत्या के मामले में पाकिस्तान द्वारा की गई जांच घटिया थी. थोड़ा आत्मनिरीक्षण करें. आप उस संगठन को नहीं जानते जिसने आपकी मां को मारा, और आप भारत पर उंगली उठा रहे हैं. यह मूर्खतापूर्ण है.
बीच में बोलने वाले डोनाल्ड ट्रंप कौन: ओवैसी
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ से बात की. हमारे डीजीएमओ ने प्रधानमंत्री से चर्चा के बाद इसे स्वीकार किया होगा. प्रधानमंत्री और राजनीतिक नेतृत्व को देश को बताना चाहिए था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने बात की और हमने गोलीबारी रोक दी. लेकिन इसकी बजाय, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश को यह बताया. वह कौन हैं?
ओवैसी ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में चार खाड़ी देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल ओवैसी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद पर भारत के रुख और उसकी सुरक्षा चिंताओं को सामने रखने की कोशिश की. प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि पहलगाम हमला पाकिस्तान से आए आतंकवादियों द्वारा किया गया था. उन्होंने उन देशों के नेताओं को यह भी बताया कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाला रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) लश्कर का नया नाम है और भारत ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए दिसंबर 2023 और मई और जून 2024 में संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से संपर्क किया था.
ओवैसी ने यह भी कहा कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने के बारे में चार ईमेल में से दो पाकिस्तान के सैन्य छावनी बोर्ड के करीबी से आए थे. उन्होंने कहा कि कुछ देशों के नेताओं ने पूछा, आप बातचीत क्यों नहीं करते. हमने कहा कि हमने 26/11 के बाद बातचीत की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
(इनपुट- न्यूज एजेंसी आईएएनएस)
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